औरंगाबाद। दीपावली का पर्व गुरुवार को धूमधाम के साथ मनाया गया। कोरोना संकट एवं पटाखे जलाने पर रोक लगने के बावजूद लोगों के उत्साह में कोई कमी नजर नहीं आई है। शाम होते ही लोगों ने ऐश्वर्य व वैभव की देवी मां लक्ष्मी और विघ्नहर्ता गणेश का विधि विधान से पूजन-अर्चन कर सुख समृद्धि की कामना की। पूजा अर्चना के बाद लोगों ने अपने अपने घरों में दीये तथा मोमबत्ती जलाकर घरों को रोशन किए।
वहीं घरों को सजाया-संवारा। लोग सुबह से ही अपने घर व आंगन को सजाने में उत्साहित दिखे। घरों को बंदनवार व रंगोलियों से सजा कर आकर्षक बनाया गया। शाम होते ही जैसे-जैसे अमावस की रात प्रवेश करती गई, वैसे-वैसे दीपों का प्रकाश अंधकार को चीरते हुए वातावरण में फैलता गया। वहीं इस मौके पर दीपोत्सव मनाते हुये कविता कहती है कि शास्त्रों में मान्यता है कि दिवाली के दिन भगवान श्रीराम अपना 14 साल का वनवास पूरा करके अयोध्या लौटे थे।
राम के आने के खुशी में अयोध्यावासियों ने दिए जलाकर उनका स्वागत किया था। तब से यह त्योहार बुराई पर अच्चाई की जीत के तौर पर मनाया जा रहा है। यह पर्व बुराई पर अच्छाई और अंधकार पर प्रकाश की जीत का प्रतीक हैं, सभी के जीवन में यह पर्व सुख समृद्धि लाए ऐसी वह ईश्वर से कामना करती हैं।