क्राइम

एटीएम फ्रॉड गिरोह का उद्भेदन, मास्टरमाइंड सहित चार गिरफ्तार, एटीएम में फेवीक्विक डालकर लोगों से ठगी करता था गैंग 

मगध हेडलाइंस: औरंगाबाद । एटीएम फ्रॉड करने वाले एक ऐसे गैंग का खुलासा हुआ है जो एटीएम मशीन में चिपकने वाले पदार्थ (फेवीक्विक) की मदद से फर्जीवाड़ा कर लोगों के खाते से पैसे निकाल लेता था। शातिर गैंग के चार ठगों को गिरफ्तार किया गया। इनके पास से जालसाजी के एटीएम कार्ड के साथ मशीन छेड़छाड़ एवं फेवीक्विक मिला है, इस गैंग के लोग एटीएम मशीनों में फेवीक्विक की मदद से एटीएम को जाम कर देते थे फिर मौका मिलते ही एटीएम लेकर रफूचक्कर हो जाते थे। ठगी का शिकार हुए लोगों को जब तक इसकी जानकारी होती थी तब तक उनका अकाउंट खाली कर दिया जाता था। इस गैंग के लोग ऐसे एटीएम मशीनों को निशाना बनाते थे जहां गार्ड तैनात नहीं होते थे, ये एटीएम का चैनल मैनेजर बनकर लोगो को भ्रमित करते थे और अपने मनसूबों को अंजाम देते थे। मौका मिलते ही फ्रॉड गैंग एटीएम मशीन में कार्ड स्वेपिंग वाली जगह पर फेवीक्विक लगा देते थे और लोगों का अकाउंट खाली कर देते थे।

दरअसल पिछले कुछ दिनों से लगातार एटीएम फ्रॉड की घटनाएं सामने आ रहे थे जिसमें साइबर पुलिस ने डीआईयू टीम की सहयोग से एक गिरोह का पर्दाफाश किया गया है। पकड़ें गए इन शातिर चोरों की पहचान गया ज़िले के वजीरगंज थाना क्षेत्र के बाजोल गांव निवासी दीपक कुमार, अभिषेक राज, महुगाईन गांव निवासी चंदन कुमार एवं फतेहपुर गांव निवासी देवनंदन कुमार के रूप में की गई है। इनके पास से नगद, दो एटीएम कार्ड एवं चार मोबाइल फोन एवं एटीएम छेड़-छाड़ की कई सामग्रियां जब्त किया गया है। पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर कानूनी कार्रवाई में जुट गयी है। यह पुलिस के लिए बड़ी उपलब्धि बताई जा रही हैं।

घटना 16 जून की हैं जिसमें पुलिस को सूचना प्राप्त हुआ की शहर के जी.टी रोड स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा के ए.टी.एम मशीन में एक एटीएम फसा हुआ है जिसके आलोक में पुलिस अधीक्षक स्वप्ना गौतम मेश्राम के निर्देश पर साइबर थानाध्यक्ष सह पुलिस उपाधीक्षक डॉ अनु कुमारी के नेतृत्व में साइबर थाना के इंस्पेक्टर रंजीत कुमार, इंस्पेक्टर रंजित कुमार, इंस्पेक्टर शंभू कुमारी एवं सब- इंस्पेक्टर राम इकबाल यादव सहित अन्य सशस्त्र बलों के द्वारा कार्रवाई की गई जिसमें बैक सीसीटीवी फुटेज से प्राप्त डाटा के आधार पर खोज-बीन के दौरान शहर के एमजी रोड बाईपास स्थित छापेमारी की गई। जहां एसबीआई एटीएम के समीप एक लाल रंग की टाटा टिगोर में सवार लोगों में से एक व्यक्ति उतरकर एटीएम में जाने लगा , तभी पुलिस के द्वारा कार की तलाशी ली गई। तलाशी के क्रम में प्लास्टिक के अंदर रखा एटीएम छेड़-छाड़ की कई सामग्री सहित नगद 28.400 रूपये बरामद किया गया।

तत्पश्चात कार सवारों से पूछ-ताछ की गई जिसमें संदिग्ध पाए जाने पर सभी को हिरासत में लेकर थाना लाया गया। इस दौरान पाया गया कि ये एटीएम मशीन से छेड़-छाड़ कर फ्रॉड करने के कार्य में संलिप्त है। इस दौरान यह भी पता चला कि इनके एक अन्य साथी के द्वारा एटीएम का चैनल मैनेजर बनकर लोगो को भ्रमित किया जाता था। इनके खिलाफ़ समस्तीपुर ज़िले के दलसिंहसराय थाना में एटीएम फ्रॉड का मामला दर्ज़ करवाया गया था जिसमें जेल जा चुके है। इसी वर्ष जनवरी माह में जमानत पर रिहा हुऐ हैं।

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अयोजित प्रेस-वार्ता के दौरान पुलिस उपाधीक्षक डॉ. अनु कुमारी ने बताया कि इन दिनों शहर के अलग-अलग जगहों से एटीएम फ्रॉड के मामले सामने आ रहे थे जिसमें तकनीकि एवं वैज्ञानिक अनुसंधान के आधार पर चार शातिर चोरों को गिरफ्तार किया गया है। ये शहरी या अन्य जिलों में एटीएम फ्रॉड से संबंधित किसी बड़ी घटना का अंजाम देने के लिए भ्रमणशील थे , ये लोगों को पहले रेकी करते थे और फिर अपने मनसूबों को अंजाम देते थे। इनका अपराधिक इतिहास रहा है। यह पुलिस के लिए बड़ी चुनौती थी जिसमें ये पकड़े गए। ये सभी मूलरूप से गया ज़िले के रहने वाले हैं। इनका एक गिरोह हैं, जो आसपास के जिलों में घटनाओं को अंजाम देते थे। इस कार्रवाई में इंस्पेक्टर बबन बैठा, इंस्पेक्टर रंजीत कुमार डीआईयू के एसआई राम इकबाल यादव, पीएसआई प्रदीप कुमार, सिपाही रोहित कुमार, गोलू कुमार, डॉली कुमारी, आनंद राज, राहुल कुमार, मुन्ना कुमार एवं साइबर थाना की टेक्निकल टीम शामिल थीं।

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