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अंचलाधिकारी के सुस्त रवैए से सैकड़ो एकड़ जमीन परती , ग्रामीणों में आक्रोश

पैसों का लेनदेन कर अंचलाधिकारी ने की अतिक्रमणकारियों की मदद - ग्रामीण

   – मिथिलेश कुमार –

मगध हेडलाइंस: अंबा (औरंगाबाद) समय पर न्याय न मिलाना भी एक तरह का अन्याय है। जनता को समुचित न्याय दिलाने के लिए पदाधिकारी की नियुक्ति की गई है। परंतु उन्हें में से कुछ ऐसे भ्रष्ट पदाधिकारी हैं जिन्हें न तो मानवता की चिंता है और न ही उनकी कलम से होने वाले अन्याय की फिक्र। अपने पद की शक्ति के अहंकार में डूबे पदाधिकारी पैसों के लिए एक- दो नहीं सैकड़ो जनता के साथ अन्याय करने से भी नहीं हिचकते हैं। कुटुंबा प्रखंड क्षेत्र में ऐसा ही एक मामला प्रकाश में आया है जिसमें अंचलाधिकारी के लापरवाही एवं सुस्त कार्यशैली के कारण सैकड़ो एकड़ जमीन परती रह गई। अंचल कार्यालय में शिकायत लेकर पहुंचे चिल्हियावां गांव निवासी शिव यादव ने बताया कि गांव के कुछ लोगों द्वारा पईन एवं सड़क का अतिक्रमण कर लिया गया है। ग्रामीणों ने जनवरी माह में इसकी शिकायत अंचलाधिकारी एवं जन लोक शिकायत में की थी। जन लोक शिकायत के निर्देश पर अंचलाधिकारी अभय कुमार ने तीन बार उक्त स्थल की जांच की परंतु जमीन को अतिक्रमण मुक्त नहीं कराया गया। अतिक्रमण के कारण शमशान और स्कूल जाने का रास्ता बंद है। वहीं पईन के अतिक्रमण से सैंकड़ों एकड़ जमीन पर धान की रोपनी नहीं हो पाई। ग्रामीणों ने अंचलाधिकारी पर पैसे लेकर अतिक्रमणकारियों को मदद करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि जब अंचल अधिकारी पहली बार विवादित स्थल का मुआयना करने गए थे। उस समय जमीन खाली थी। शिकायत दर्ज कराने के बाद अतिक्रमणकारियों ने अंचल अधिकारी की सानिध्य में उक्त स्थल पर घर बना लिया। शिकायत दर्ज कराने वालों में शिव यादव, अर्जुन महतो, विजय मेहता, गोपाल महतो, भीम प्रजापति, अशोक रजक आदि लोग शामिल हैं।

अतिक्रमण के कारण सैंकड़ों जमीन रह गई परती – ग्रामीणों ने बताया कि जनवरी माह से अंचल कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं। अतिक्रमण की गई पईन चिल्हियावां बांध से निकली हुई है जिससे पोखराही, चोरहा, रिपू बीघा, पड़रिया, देवरा चिल्हियावां, सधान बीघा आदि गांव की हजारों एकड़ भूमि सिंचित होती है। अंचलाधिकारी के सुस्त रवैए के कारण समय पर पईन का अतिक्रमण नहीं हटाया जा सका। गौरतलब है कि इस संबध मे अंचलाधिकारी से संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन संपर्क न होने से उनका पक्ष नहीं लिखा जा सका है।

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