– संजीव कुमार –
मगध हेडलाइंस मदनपुर (औरंगाबाद) कभी नक्सलियों के गढ़ कहे जाने वाले लंगूराही व पचरुखिया क्षेत्र की फिजा बिल्कुल बदल चुकी है। लाल गलियारे से मशहूर इन क्षेत्रों के नाम से लोगों के पैर कांपने लगते थे। लेकिन आज समय बदल चुका है। बदलते दौर का उत्कृष्ट उदाहरण मंगलवार को 77वें स्वतंत्रता दिवस पर देखने को मिला। आजादी के जश्न मे सराबोर हुए बच्चे से बुजुर्ग तक ना सिर्फ इसका लुफ्त उठाया बल्कि 500 मीटर लंबे तिरंगा झंडा का प्रदर्शन भी किया। बताते चलें कि स्वतंत्रता दिवस पर मंगलवार को पचरुखिया स्थित कोबरा – 205 बटालियन के द्वारा आजादी का जश्न धूमधाम से मनाया गया। इस मौके पर सीआरपीएफ गया रेंज के डीआईजी विमल कुमार विष्ट पचरुखिया कैंप पहुंचकर ध्वजारोहन किया। इस दौरान कोबरा के जवानों ने गार्ड ऑफ ऑनर देकर तिरंगे झंडे को सलामी दी।ग्रामीणों को आजादी के मायने समझाते हुए कहा कि सैकड़ों वीर – वीरांगनाओं के बलिदानी के बाद हमे 15 अगस्त 1947 को आजादी मिली थी। लेकिन ऐसे क्षेत्रों पर नक्सलियों के कब्ज़ा होने के कारण लोग खुद को गुलाम समझते थे। आजादी के बाद देश तरक्की की ओर बढ़ रही थी। लेकिन नक्सली अपने निजी स्वार्थ की वजह से इस इलाके के लोगों को गुलामी के जंजीरों मे जकड़ दिया था। लेकिन उनके जवानों के वीरता एवं साहस की वजह से अब उनका खात्मा हो चुका है।अब आप आजाद देश के आजाद नागरिक है। निडर होकर समाज के मुख्य धारा से जुड़ें और अपने समाज का विकास करें। आज के दौर मे शिक्षा अहम पूंजी होती है। इसलिए अपने बच्चों को शिक्षित कर उनका भविष्य उज्ज्वल बनाएं।कोबरा – 205 के कमांडेंट श्री कैलाश ने जवानों एवं ग्रामीणों को उत्साहित करते हुए कहा कि हम उन वीर बलिदानियों के कृतियों को कभी नही भूल सकते है जिनके दम पर हमे स्वतंत्रता मिली है। इस क्षेत्र मे नक्सल बहुत बड़ी समस्या व चुनौती थी जो लगभग ख़त्म हो चुकी है।जो लोग दिग्भ्रमित हो चुके हैं वो समाज के मुख्य धारा से जुड़ कर बेहतर समाज निर्माण मे सहयोग करें अन्यथा उनका जीवन व्यर्थ हो जायेगा।अब आपको किसी से डरने के जरूरत नहीं है। आप इस समाज,इस देश के प्रमुख अंग है। हमारे जवान आपकी सुरक्षा व विकास मे सदैव तत्पर है। हमे अपने वीर महापुरुषों के प्रति हमेशा सम्मान देना चाहिए। हर भारतीय के रग – रग मे हिंदुस्तान बसता है। हमे अपने कर्तव्य पथ पर अडिग रहकर भारत की एकता, अखंडता और सम्प्रभूता को अक्षुण्ण बनाये रखना है। हमें एक होकर बेरोजगारी, अशिक्षा, नक्सलवाद, आतंकवाद आदि जैसे कुरीतियों को ख़त्म करना है। स्वतंत्रता दिवस को लेकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गये थे। इस दौरान कोबरा के जवान व ग्रामीण उपस्थित थे।