
मगध हेडलाइंस: औरंगाबाद। एससी-एसटी आयोग के प्रदेश उपाध्यक्ष सह पूर्व विधायक ललन भुईयां सहित तीन अन्य को वर्षो पुरानी एक वाद में स्थानीय कोर्ट ने निर्णय पर सुनवाई करते हुए बरी किया है। इन पर समाहरणालय औरंगाबाद में जबरन घुसने व राजनीतिक नारेबाजी एवं पुलिस से झड़प का आरोप लगाया गया था। व्यवहार न्यायालय औरंगाबाद के एडीजे तीन ब्रजेश कुमार सिंह ने 26 साल पुरानी एक वाद के निर्णय पर सुनवाई करते हुये तीनों अभियुक्त अंबा थाना क्षेत्र के विराज बिगहा गांव निवासी ललन भुईयां, श्रवण भुईयां एवं कासमा थाना क्षेत्र के इटवा गांव निवासी सुरेंद्र यादव को रिहा किया है। एपीपी कामता प्रसाद सिंह ने बताया कि मामले में जिला निबंधक पदाधिकारी सूर्य नारायण सिंह ने 03.08.97 को भादंवि की विभिन्न धाराओं में प्राथमिकी दर्ज कराई थी जिसमें 30.10.12 को आरोप गठन किया गया था। बचाव पक्ष के अधिवक्ता मुकेश कुमार सिंह ने बताया कि साक्ष्य के अभाव में एससी-एसटी आयोग के प्रदेश उपाध्यक्ष ललन भुइयां सहित तीन लोगों को दोषमुक्त किया गया है। मौक़े पर ललन भुइयां ने कहा हमें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा था कि हमें न्याय मिलेगा।
 
				 
					
 
						






