
– मिथिलेश कुमार –
मगध हेडलाइंस: अम्बा (औरंगाबाद)। मणिपुर के दंगे में केंद्र सरकार की शिथिलता के विरुद्ध भाकपा (माले) ने अम्बा चौक होते हुए नबीनगर बस स्टैंड तक प्रतिवाद मार्च निकाला और केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर विरोध किया। साथ ही मणिपुर के मुख्यमंत्री से इस्तीफे की मांग की गई। गौरतलब हैं कि माले का जिला स्तरीय दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन 22 एवं 23 जुलाई को अम्बा में आयोजित किया गया।
अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय महासचिव सह प्रशिक्षण शिविर के प्रभारी व मुख्य अतिथि सह भाकपा माले पोलित ब्यूरो सदस्य कॉमरेड राजाराम सिंह ने बताया कि मणिपुर में महीनों से भड़की सांप्रदायिक व जातीय हिंसा के प्रतिवाद में अम्बा में प्रशिक्षण शिविर चलाया गया है। पार्टी के ग्यारहवें महाअधिवेशन के दौरान छह दस्तावेजों को पारित किया गया था। उन्होंने कहा कि भारत में सांप्रदायिक फासीवाद का उदय हो चुका है।
पार्टी के द्वारा यूरोप में फासीवाद की शुरुआत से भारत में इसके आने तक की पूरी समीक्षा की गई है। उन्हीं दस्तावेजों के अध्ययन के लिए अम्बा में प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया है। हिटलर एवं मुसोलिनी के नेतृत्व में उपजे फासीवाद को यूरोप की जनता ने लड़कर हराया था। यूरोप के 60 लाख लोगों को गैस चैंबर में घुसाकर मार दिया गया था। उसी तरह फासिस्ट प्रवृत्ति भारत में पैदा होता हुआ देख रहे हैं। मोदी राज्य में लोकतंत्र तथा संविधान को धीरे-धीरे खत्म किया जा रहा है। विरोध करने वालों को जेल में डाला जा रहा है या उनकी हत्या की जा रही है।
उसी फासीवाद की एक बर्बर घटना मणिपुर में हुई जिससे पूरी दुनिया में भारत का सर शर्म से झुक गया। सांप्रदायिक- जातीय उन्माद में दो कुकी आदिवासी महिलाओं को हजारों लोगों की भीड़ नंगा कर सड़क पर छेड़ते हुए ले जा रही थी। उस विभत्स वीडियो को पूरी दुनिया में देखा है। इस घटना के प्रतिवाद में उठने वाली करोड़ों लोगों की आवाज को अम्बा एवं औरंगाबाद से भी मजबूती मिलेगी।
उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने राजनीतिक लाभ के लिए कुकी एवं मैत्री समुदाय के लोगों को आपस में टकरा दिया है। इस घटना में सैकड़ों लोग मारे गए वहीं हजारों लोग बेघर हो गए हैं। महिलाओं के साथ बलात्कार किया गया है। मणिपुर महीनों से जल रहा है और नरेंद्र मोदी विदेशों में घूम रहे हैं। यह बिल्कुल वैसा ही है जैसे रोम जल रहा था और नीरो बांसुरी बजा रहा था। उन्होंने कहा कि मणिपुर घटना की सच्चाई यह है कि यह हिंसा भाजपा की भड़काई हुई है।
कुकी समुदाय के लोग आदिवासी हैं और वे पहाड़ों में रहते हैं। उन्होंने ईसाई धर्म अपनाया है। मैत्री समुदाय के लोग समतल मैदान में रहते हैं। कुकी समुदाय के लोगों को एससी एसटी एक्ट के तहत आरक्षण प्राप्त है। भाजपा सरकार ने मैत्री समुदाय के लोगों को भी वह सुविधा उपलब्ध करानी चाही। इसी के विरोध में दंगा भड़क उठी। महीनों से दंगा भड़की हुई है फिर भी पुलिस प्रशासन चुप्पी साधे हुए है। महाभारत काल से ही सामंतवादी व पुरुषवादी समाज के द्वारा द्रौपदी को नंगा करने की कोशिश की गई थी। भाजपा बलात्कारियों का मनोबल बढ़ाती है उन्हें संरक्षण देती है। महिला पहलवानों का मामला हो या कुलदीप सेंगर का भाजपा ने सभी को संरक्षण दिया है। जब तक पूरा देश बलात्कारियों के खिलाफ खड़ा नहीं हो गया। तब तक उसे सजा नहीं हो पाई।
दलित के ऊपर पेशाब करने की घटना की निंदा करते हुए उन्होंने कहा कि जिस देश के सांसद भवन के उद्घाटन समारोह में राष्ट्रगान न गा कर, राष्ट्रीय झंडा न फहरा कर अनपढ़ पंडितों को तमिलनाडु से हवाई जहाज से लाकर अरबों जनता का प्रतिनिधि देश का प्रधानमंत्री साष्टांग दंडवत देगा। राजदंड से देश चलाने की बात करेगा वहां दलितों के साथ अत्याचार ही होगा। मणिपुर के मुख्यमंत्री एवं गृह मंत्री में थोड़ी सी भी नैतिकता बची हुई है तो वह इस्तीफा दें।