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1594 वादों की निष्पादन के साथ 3.72 करोड़ का कराया गया समझौता, जिला जज ने कहा – लोक अदालत में आए दोनों पक्षों की होती है जीत

मगध हेडलाइंस: औरंगाबाद। लोक अदालत एक ऐसी संस्था है, जिसमें दोनों पक्षों की जीत होती है। इसके माध्यम से आपसी वैमनस्य एवं मुकदमों में हार जीत की प्रतिद्वंद्विता का समापन हो जाता है। उक्त बातें शनिवार को औरंगाबाद व्यवहार न्यायालय में आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत कार्यक्रम के दौरान जिला जज संपूर्णानंद तिवारी ने कही। आयोजित लोक अदालत में 1594 वाद का निष्पादन के साथ कुल 3.72 करोड़ का समझौता कराया गया। आज जिला विधिक सेवा प्राधिकार के तत्वावधान में आज राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन व्यवहार न्यायालय औरंगाबाद में एवं अनुमण्डलीय व्यवहार न्यायालय दाउदनगर में किया गया। इस लोक का मुख्य उद्घाटन समारोह सेवा प्राधिकार  औरंगाबाद के सभागार में किया गया जिसमें जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह जिला विधिक सेवा प्राधिकार के अध्यक्ष संपूर्णानंद तिवारी, जिला पदाधिकारी सुहर्ष भगत, पुलिस अधीक्षक स्वप्न जी मेश्राम, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह प्राधिकार के सचिव प्रणव शंकर, जिला विधि संघ के अध्यक्ष रसिक बिहारी सिंह, अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष संजय कुमार सिंह के द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर राष्ट्रीय लोक अदालत का विधिवत उद्घाटन किया गया। इस उद्घाटन समारोह में सभी न्यायिक पदाधिकारीगण, अधिवक्तागण अन्य विभागो के पदाधिकारीगण तथा बहुत संख्या में वादकारीगण उपस्थित रहें। जिला जज ने लोक अदालत के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह सुलहनीय वादों के निस्तारण के लिए सुअवसर के रूप में आता है, और आपके सहयोग एवं हमलोगो के प्रयास से आज यहां से अपने वादों से मुक्त होकर और चेहरे पर प्रसन्नता लेकर जाए। जिला पदाधिकारी सह प्राधिकार के उपाध्यक्ष ने कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत में एक साथ ही कई मामलों का निस्तारण होता है जिसके निरंतरता हमेशा बनाये रखने की आवश्यकता है। पुलिस अधीक्षक सह प्राधिकार के सदस्य स्वप्ना जी मेश्राम ने कहा कि पुलिस प्रशासन हमेशा से यह प्रयास करती है कि लोगों के बीच सदभाव एवं प्रेम का वातावरण बने और लोक अदालत में वादो का निष्पादन प्रेम और सौहाद्र को बनाने में काफी कारगर है और पुलिस विभाग हमेशा ही प्राधिकार को राष्ट्रीय लोक अदालत को सफल बनाने में सहयोग करता रहा है। विधि संघ के अध्यक्ष रसिक बिहारी सिंह ने प्रारम्भिक दौर की बात को कहते हुए कहा कि जब लोक अदालत की अवधारण सिर्फ एक विचार के तौर पर था और अपने शैश्व अवस्था में था तब से लगातार मैं किसी न किसी रूप में भागीदारी निभाते आया हूँ, और आज जिला विधि संघ के अध्यक्ष के रूप में जब कभी भी मुझे मौका मिलता है मैं अपना सक्रिय भागीदारी निभाता हूं। वहीं अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष ने अपने संक्षिप्त संबोधन में कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत में वादों के निष्पादन में किसी की जीत और न किसी की हार होती है बल्कि दोनों समान भाव से अपने वादों का निष्पादन कराते है और प्रसन्न होते हैं। कार्यक्रम में अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापन अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी सौरभ सिंह ने किया। अपने धन्यवाद ज्ञापन में उन्होंने कहा की आज महीनो से लगे जुड़े लोगो के परिनाम का दिन है और लोक अदालत को सफल बनाने के लिए लगे सभी व्यक्तियों को धन्यवाद ज्ञापित किया गया। पुरे कार्यक्रम का संचालन सुदीप पाण्डेय न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी के द्वारा किया गया।
कई दशकों पुराने मामलें का भी हुआ निस्पादन – दिब्यांग व्यक्ति के वाद खत्म होने पर दिखा ख़ुशी का भाव – यह राष्ट्रीय लोक अदालत कई मामलें में अविस्मरणीय रहा। इस लोक अदालत में जहा अपने वाद के निष्पादन में अपने ही कई रिकार्ड को तो़डते हुए एक नया मिल का पत्थर स्थापित किया। वहीं जिला जज, जिला पदाधिकारी और पुलिस अधीक्षक के द्वारा बेंच भ्रमण के दरम्यान एक दिब्यांग व्यक्ति पर उनकी नजर पड़ी तो तत्काल उन्होंने उनका वाद सम्बन्धित न्यायालय से निष्पादन करवाया जिसपर उसके मुखमंडल पर ख़ुशी का भाव परिलक्षित होता दिखा। उनका वाद मुफसिल थाना की थी जो आठ साल पुरानी थी। वही जिला विधिक सेवा प्राधिकार, न्यायालय, अधिवक्तागण के प्रयास से दर्जनों ऐसे मामले का निष्पादन हुआ जो दशकों पुराने थे जिनमें नवीनगर थाने की कांड जैसे कई ऐसे मामले रहे जो इस लोक अदालत में निस्पादित हुए और पक्षकारों में संतोष और उत्साह का भाव दिखा।
 1594 वाद का निष्पादन के साथ कुल 3.72 करोड़ का कराया गया समझौता – राष्ट्रीय लोक अदालत में आज मोटर दुर्घटना से सम्बन्धित 05 वादों में कुल 36 लाख 40 हजार रूपये का समझौता कराया गया| पारिवारिक मामलें से सम्बन्धित 12 वाद, आपराधिक सुलहनीय मामलें से सम्बन्धित 389 वाद, एन आई एक्ट के 10, मामलों में 12.14 लाख का समझौता, टेलीफ़ोन के 03 मामलों में, माप तौल 01 इसके साथ साथ अनुमंडल पदाधिकारी के न्यायालय से सबन्धित 539 वाद तथा बैंक ऋण से सम्बन्धित मामलें का निस्तारण करते हुए कुल 3.23 करोड़ रूपये पक्षकारो को राहत दिया गया इस तरह कुल 1593 मामलों का निस्तारण करते हुए कुल लगभग 3.72 करोड़ रूपये का समझौता कराया गया जो अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ो के मामले में न्यायालय से जुड़े मामलों में ज्यादा वादों का निष्पादन का रिकॉर्ड है। पिछला रिकॉर्ड 378 न्यायालय से जुड़े वादों के निष्पादन का था जो बढ़ कर 396 वादों का निष्पादन हुआ। लोक अदालत में रिेकार्ड वादों के निष्पादन पर प्राधिकार के सचिव प्रणव शंकर ने कहा कि पिछले रिकार्ड को तोड़ते हुए 389 सिर्फ न्यायालय के लंबित वाद को निष्पादित होना एक बहुत बडी उपलब्धि हैं जो जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री संपूर्णानंद तिवारी, का मार्गदर्शन और सभी न्यायिक पदाधिकारियों, वादकारियों, अधिवक्ताओं एवं लोक अदालत से जुडें समस्त लोगों के सहयोग से संभव हुआ है इसके लिये सभी को बहुत- बहुत बधाई एवं धन्यवाद। इस पुरे राष्ट्रीय लोक अदालत के आयोजन को सफल बनाने में प्राधिकार के पैनल अधिवक्ता अभिनन्दन कुमार, कर्मी श्री सुनील कुमार सिंह, परसुराम कुमार सिंह, संजय कुमार, टेक्निकल स्टाफ श्री अर्पणा सहाय, सुनील कुमार सिन्हा, और सहयोगी श्री नवरतन कुमार, गीता कुमारी, कुंदन कुमार सहित सभी अर्धविधिक स्वयं सेवकों की भूमिका भी सराहनीय रही।
स्वास्थ्य जांच शिविर के माध्यम से लोगो को मिला स्वास्थ्य का लाभ – राष्ट्रीय लोक अदालत की मुख्य विशेषता यह रहा की  लोक अदालत के साथ साथ स्वास्थ जांच शिविर का आयोजन विधिक सेवा सदन में किया गया था जिसमें सुगर, विपी, के साथ – साथ चिकित्सीय जांच और दवा का वितरण, इत्यादि प्रमुख सुविधाओं से वादकारियों के साथ-साथ सभी उपस्थित लोगो ने लाभ उठाया।

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