विविध

मांगों के अनुरूप मुआवजा न मिलने पर किसान करेंगे प्रदर्शन, अधिकारियों ने किसानों के साथ की बैठक

भड़के किसान, उचित मुआवजा न मिलने पर करेंगे धरना प्रदर्शन

– मिथिलेश कुमार –

मगध हेडलाइंस: अंबा (औरंगाबाद) अंबा (औरंगाबाद) नेशनल हाईवे – 139 पर प्रस्तावित हरिहरगंज बाईपास निर्माण कार्य में अधिग्रहित भूमि और किसानों की समस्या के निष्पादन के लिए संबधित अधिकारियों ने सोमवार को जगन बिगहा (किशुनपुर) गांव में किसानों के साथ बैठक की। बैठक में नेशनल हाईवे के जनरल मैनेजर सैयद निजामुद्दीन, शिवालय कंपनी के असिस्टेंट लाइजनिंग मैनेजर सचिन दुबे एवं पोला-किशुनपुर गांव के किसानों ने भाग लिया। इस दौरान किसान अधिकारियों की रवैया से असंतुष्ट दिखे।

किसानों ने कहा कि गजट पास होने के बाद से जगन बिगहा एवं पोला गांव के किसानों के साथ अधिकारियों की पहली बैठक है। इससे पहले अधिकारियों द्वारा अधिग्रहण और मुआवजे से संबंधित कोई भी जानकारी किसानों को नहीं दी गई है। प्रशासनिक अधिकारियों से अधिग्रहण संबंधी जानकारी मांगने पर उन्हें यह कह कर टाल दिया जाता है कि आपकी जमीन मालिक एवं आम गैरमजरूआ है। जबकि किसानों के पास जमीन के मालिकाना हक से संबंधित सारे कागजात हैं और तात्कालिक रसीद भी कट रहा है। किसानों ने मांगों के अनुरूप मुआवजा राशि नहीं मिलने पर धरना प्रदर्शन करने की बात कही है।
ये हैं किसानों की तीन मांग – वर्षों से अपने जमीन पर काबिज किसानों को रैयत बनाया जाए। अधिकारियों ने अधिग्रहित भूमि पर बने मकान के मुआवजा राशि का गलत आकलन किया है। उसका दुबारा आकलन कराया जाए। नेशनल हाईवे से किनारे की जमीन का मुआवजा कमर्शियल रेट से दिया जाए।
अधिकारियों ने कहीं यह बात – किसानों की समस्या को सुनने के बाद नेशनल हाईवे के अधिकारी सैयद निजामुद्दीन ने बताया कि रैयतीकरण एवं जमीन के कमर्शियल रेट के लिए आर्बिट्रेशन में जाना पड़ेगा। मकान के मुआवजे का आकलन करने वाले अधिकारियों से बात कर ली गई है। जल्द ही उन्हें बुलाकर अधिग्रहित मकान का दुबारा आकलन कराया जाएगा। अधिकारियों द्वारा आर्बिट्रेशन में जाने की बात कर किसानों ने कहा कि प्रखंड एवं जिला स्तरीय अधिकारियों ने जमीन के रैयतीकरण के मामले को उलझा कर रखा है। वे हमारी फाइल को रिजेक्ट भी नहीं कर रहे हैं अगर वे हमारी फाइल को रिजेक्ट कर दे तो हम लोग कमिश्नर से मुलाकात करेंगे।
कमर्शियल रेट की मांग  – किसानों ने बताया कि अधिग्रहण की जा रही भूमि एवं मकान में होटल, फर्नीचर एवं अन्य उद्योग, इलेक्ट्रॉनिक्स सामान की दुकान सहित दर्जनों व्यवसाय कई वर्षों से संचालित हो रहे हैं। जो कई परिवारों के लिए रोजी-रोटी का जरिया है। व्यापारी संबंधित व्यवसाय का जीएसटी एवं कमर्शियल बिजली बिल का भुगतान भी कर रहे हैं। व्यापारियों ने कहा कि सरकार हमसे कमर्शियल टैक्स लेती है परंतु हमारे जमीन को कमर्शियल नहीं मान रही हैं। यह बिल्कुल गलत है।
बैठक में किसान अजय सिंह, अभिमन्यु वर्मा, अमरेश कुमार वर्मा, इंदल मेहता, उमेश मेहता, संजय शर्मा, रंजय साव, रामाधार मेहता, रामप्रवेश मेहता, नागेंद्र सिंह चंद्रवंशी, रमेश शर्मा, उमेश शर्मा, महेश शर्मा, धर्मेंद्र कुमार, रामलाल साव, नंद किशोर साव समेत अन्य किसान एवं व्यापारी उपस्थित हुए।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!

Adblock Detected

Please remove ad blocer