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सुलह के आधार पर 2537 वादों का हुआ निपटारा, 14.42 करोड़ का कराया गया समझौता

मगध हेडलाइंस: औरंगाबाद। जिला विधिक सेवा प्राधिकार औरंगाबाद के तत्वावधान में आज राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन व्यवहार न्यायालय औरंगाबाद और अनुमण्डलीय व्यवहार न्यायालय दाउदनगर में किया गया। इस राष्ट्रीय लोक का मुख्य उद्घाटन समारोह जिला विधिक सेवा प्राधिकार औरंगाबाद के सभागार में किया गया जिसमें अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह प्राधिकार के सचिव प्रणव शंकर, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अमित कुमार, जिला विधि संघ के अध्यक्ष रसिक बिहारी सिंह, अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष संजय कुमार सिंह, लोक अभियोजक पुष्कर अग्रवाल, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी सुकूल राम के द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर राष्ट्रीय लोक अदालत का विधिवत उद्घाटन किया गया।

इस उद्घाटन समारोह में न्यायिक पदाधिकारीगण, अधिवक्तागण अन्य विभागो के पदाधिकारीगण तथा बहुत संख्या में वादकारीगण उपस्थित रहें। पुरे कार्यक्रम का संचालन रिटेनर अभिनन्दन कुमार के द्वारा किया गया। कार्यक्रम में आगंतुको का स्वागत अभिभाषण अनुमंडलीय न्यायिक दंडाधिकारी योगेश कुमार मिश्र ने किया। तथा कार्यक्रम में अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापन न्यायिक दंडाधिकारी सुदीप पांडेय ने किया। अपने संबोधन में अतिथियों ने लोगों को लोक अदालत का महत्व एवं फायदे के विषय में लोगों को बताया और लोगों से अधिक से अधिक इस अवसर का लाभ उठाने हेतु अपील किया।

अपने संबोधन में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह प्राधिकार के सचिव प्रणव शंकर ने कहा कि आज राष्ट्रिय लोक अदालत का आयोजन जन कल्याण के लिए किया गया हैं, क्योंकि लोक अदालत एक एैसा माघ्यम है जिसमें न तो किसी की हार होती हैं न ही किसी की जीत होती हैं। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अमित कुमार ने बीमा कंपनियों से अपील किया कि वे खास कर के इस अवसर पर किसी का सहारा बने क्योंकि आपके द्वारा प्रदत मुआवजा राशि किसी परिवार की विकास प्रगति की रीढ हो सकती हैं।

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वही लोक अभियोजक पुष्कर अग्रवाल ने बीमा कंपनियों एवं बैंक के पदाधिकारियों से कहा कि आज के दिन आप सभी वाद के ज्यादा तकनीकी चीजों पर ध्यान न दे बल्कि जन कल्याण हेतु जितना हो सके लोगों को लाभ पहुंचाएं। विधि संघ के अध्यक्ष रसिक बिहारी सिंह ने कहा कि लोक अदालत से मैं तब से जुड़ा हूं जबसे इसकी परिकल्पना हुई है तथा बार हमेशा कदम से कदम मिलाकर वादों के निष्पादन में सहयोगा करता आया हैं।

23 साल पुराने मामला समेत कई दशकों पुराना वाद का निपटारा : यह राष्ट्रीय लोक अदालत कई मामलें में अविष्मरनीय रहा इस लोक अदालत में जहा अपने वाद के निष्पादन में अपने कई रिकार्ड को तोडते हुए एक नया मिल का पत्थर स्थापित किया। वहीं जिला विधिक सेवा प्राधिकार न्यायालय, अधिवक्तागण के प्रयास से दर्जनों ऐसे मामले का निष्पादन हुआ जो दशकों पुराने थे जिनमें जी.आर. 1901 मदनपुर थाना कांड सं. 02/2021 का मामला 23 साल पुराना था जो बेहद ही छोटे अपराध का था तथा उक्त वाद में सूचक रामनंदन सिंह के द्वारा गाड़ी में तोड-फोड़ हेतु 10 अभियुक्तों के विरूद्ध दर्ज कराया गया था

जिनमें दो अभियुक्तो की मृत्यु भी हो चुकी थी ऐसे अन्य केसो में जी 0 आर0 5303, 1044/05, 1069/05, 702/06, 1245/06, 1659/06, 810/05 आदि कई ऐसे मामले रहे जो इस लोक अदालत में निस्पादित हुए और पक्षकारों में संतोष और उत्साह का भाव दिखा।

सुलह के आधार पर 2537 वादों का हुआ निपटारा, 14.42 करोड़ का कराया गया समझौता

राष्ट्रीय लोक अदालत में आज मोटर दुर्घटना से सम्बन्धित 10 वादों में कुल 53.75 लाख रूपये का समझौता कराया गया जिसमे सभी की भूमिका बेहद ही सराहनीय रही। पारिवारिक मामलें से सम्बन्धित 10 वाद, आपराधिक सुलहनीय मामलें से सम्बन्धित 350 वाद, एन आई एक्ट के 07, मामलों में 21.60 लाख का समझौता, मनीसूट 01 वाद टेलीफ़ोन के 09 मामलों में 19 हजार का समझौता, माप तौल 03 मामलों में 10500 रूपये इसके साथ साथ अनुमंडल पदाधिकारी के न्यायालय से सबन्धित 479 वाद तथा बैंक ऋण से सम्बन्धित 1671 मामलें का निस्तारण करते हुए कुल 13.66 करोड़ रूपये पक्षकारो को राहत दिया गया इस तरह कुल 2537 मामलों का निस्तारण करते हुए कुल लगभग 14.42करोड़ रूपये का समझौता कराया गया जो अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ो के साथ-साथ पिछले बड़े रिकॉर्ड से डेढ़ गुना से भी ज्यादा वादों का निष्पादन का रिकॉर्ड है।

बेंच वार न्यायालय से जुडें वादों की निष्पादन : बेंच सं0 -01-20

बेंच सं0.-03-50

बेंच सं0.-04-56

बेंच सं0.-05-26

बेंच सं0.-06-04

बेंच सं0.-07-42

बेंच सं0.-08-49

बेंच सं0.-09-44 के अतिरिक्त दाउदनगर तीनों बेंचों में 84 न्यायालय से संबंधित वादों का निष्तारण हुआ तथा बेच सं0 -02 बैंक से संबंधित थे।

साल के पहले लोक अदालत में रिेकार्ड वादों के निष्पादन पर प्राधिकार के सचिव प्रणव शंकर ने कहा कि पिछले रिकार्ड कोर्ट में वाद 266 निष्पादित था जो इस बार 378 हैं जो लगभग डेढ गुणा से ज्यादा हैं जो एक बहुत बडी उपलब्धि हैं जिसमें निरीक्षी न्यायाधीश पटना उच्च न्यायालय राजीव राय का निर्देश और जिला एवं सत्र न्यायाधीश रजनीश कुमार श्रीवास्तव का मार्गदर्शन से यह संभव हो पाया हैं जिसमें सभी न्यायिक पदाधिकारियों, वादकारियों, अधिवक्ताओं एवं लोक अदालत से जुड़े समस्त लोगों को बधाई एवं धन्यवाद।

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