औरंगाबाद। अवैध राशि उगाही करने एवं भ्रष्टाचार में लिप्त रहने के कारण ज़िला अभिलेखागार के लिपिक देवेन्द्र कुमार वर्मा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया। यह कार्रवाई जिला प्रशासन औरंगाबाद द्वारा की गई है। लिपिक के खिलाफ़ पूर्व में शिकायत मिली थी जिसमें बताया गया था कि खतियान के नकल निर्गत किये जाने के एवज में आमजनों से अवैध पैसे की मांग की जा रही है।
इसके बाद शिकायत के आलोक में जांच के दौरान काफ़ी संख्या में पुरानी दस्तावेज लंबित पाए गए थे जिसमें लिपिक को कड़ी चेतावनी दी गई थी। इसके बावजूद उन्होंने अपनी गतिविधियों में कोई बदलाव नहीं किया। लिहाजा लिपिक को खतियान का नकल निर्गत किये जाने के एवज में अवैध राशि की मांग किये जाने संबंधी शिकायत पत्र जिला गोपनीय शाखा औरंगाबाद में प्राप्त हुआ है, जो इनके भ्रष्टाचार में लिप्त रहने का द्योतक है। उक्त कृत्य में लिपिक के भ्रष्टाचार में संलिप्तता को दर्शाता है तथा आख़िरकार लिपिक के खिलाफ़ सख्त कार्रवाई करते हुए तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
इस दौरान गौरतलब हैं कि लिपिक को निलंबन अवधि में नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता देय होगा। साथ ही निलंबन अवधि में लिपिक का मुख्यालय गोह प्रखण्ड निर्धारित किया गया है। साथ ही जिला स्थापना उप समाहर्ता औरंगाबाद को निदेश दिया गया है कि सामान्य प्रशासन विभाग, बिहार पटना की अधिसूचना संख्या- 15983, दिनांक- 14.12.2017 के परिप्रेक्ष्य में लिपिक के विरूद्ध विभागीय कार्यवाही हेतु विहित प्रपत्र में आरोप पत्र गठित कर एक सप्ताह के अंदर जिला पदाधिकारी के समक्ष उपस्थापित करना सुनिश्चित करेंगे।