औरंगाबाद। जिला पदाधिकारी सौरभ जोरवाल ने समाज कल्याण विभाग के अंतर्गत किशोर न्याय अधिनियम 2015 की धारा 49 के अधीन संचालित सुरक्षित स्थान औरंगाबाद का निरीक्षण किया गया। उक्त संस्थान में बिहार के विभिन्न 11 जिलों के 16 वर्ष से अधिक आयु के जघन्य अपराधों में लिप्त किशोर एवं 18 वर्ष से अधिक आयु के विचाराधीन मामलों में लिप्त किशोर संवासित है जिनकी वर्तमान संख्या 105 है जो कि गृह की आवासन क्षमता 50 से बहुत अधिक है। संवासितों के विरुद्ध उक्त संस्थान में कार्यरत कर्मियों की संख्या कम है।
विभाग से कर्मियों की मांग करने का निदेश सहायक निदेशक, बाल संरक्षण को दिया गया। निरीक्षण के दौरान चारो वार्डों के संवासितों से बात-चीत की गई। उनके खान-पान का स्तर एवं पूरे दिन की नित्य क्रिया यथा-अध्ययन, खेल-कूद एवं अन्य संबंधित मामलों की जानकारी ली गई। निरीक्षण के दौरान रसोईघर एवं भंडार घर में रखे खाद्य सामग्री का भी जायजा लिया गया एवं उनके द्वारा बने हुए भोजन का स्वाद भी लिया गया जिससे वे संतुष्ट दिखे। निरीक्षण के दौरान अलग-अलग विषय के नव प्रतिनियुक्त सभी पांच शिक्षक उपस्थित थे।
जिला पदाधिकारी द्वारा कक्षा में बैठकर पढ़ाई कर रहे बच्चों एवं शिक्षक के साथ संवाद किया गया। सभी शिक्षकों को उचित तरीके से एवं शेड्यूल के अनुसार शिक्षा देने हेतु निदेश दिया गया। निरीक्षण के दौरान उक्त गृह में प्रमुख जगहों पर कुछ संवासितों द्वारा बहुत ही सुंदर पेंटिंग भी बनाया गया है जिसे देखकर जिला पदाधिकारी ने प्रसन्नता व्यक्त की और उन्हें प्रोत्साहित किया गया।
इसके अलावे बभण्डी में ही देख-रेख एवं संरक्षण के जरूरतमंद 0-21 वर्ष के बच्चों के अवासन हेतु निर्माणाधीन वृहद आश्रय गृह का भी निरीक्षण किया गया। उक्त मौके पर सहायक निदेशक बाल संरक्षण पदाधिकारी, प्रभारी अधीक्षक, सुरक्षित स्थान अरुण कुमार सिंह, सदस्य, किशोर न्याय परिषद एवं अन्य पदाधिकारी तथा कर्मी मौजूद थे।