त्यौहारविविध

अलग-अलग दृष्टिकोण के साथ मनाया जा रहा है दीपावली का त्योहार

        – मिथिलेश कुमार

कुटुंबा(औरंगाबाद) प्रखंड क्षेत्र में दीपावली का त्यौहार लोकतंत्रिक रंग में दिख रहा है। समाज अलग-अलग दृष्टिकोण के साथ उत्सव को मना रहा है। जहां एक समाज का हिंदू धर्मावलंबी हिस्सा मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम के 14 वर्षों के वनवास के बाद अयोध्या लौटने की खुशी में इस त्यौहार को मना रहा है। वहीं बौद्ध धर्मावलंबी हिस्सा सम्राट अशोक दीपदानोत्सव के रूप में मना रहा है।

सम्राट अशोक बुध विहार, जगदेव चौक अंबा में रविवार को दीपदानोत्सव का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता पेरियार सरयू बौद्ध तथा संचालन बैजनाथ मेहता ने किया। वहीं भीम आर्मी जिलाध्यक्ष करण पासवान ने बताया कि कलिंग युद्ध में विजय प्राप्ति के बाद घायलों की चीख-पुकार सुनकर सम्राट अशोक ने प्रतिज्ञा की थी की हमें युद्ध नहीं बुद्ध चाहिए। बुध के 84,000 वचनों के आधार पर 84000 चैत्य और स्तुप का निर्माण कराया गया।

कार्तिक मास अमावस्या की रात्रि में दीप जलाकर समाज को यह संदेश दिया की जिस तरह दीप जलाने से अंधेरा दूर हो जाता है उसी तरह भगवान बुद्ध के वचन अज्ञानता को दूर भगा देता है। बख्तियार खिलजी के द्वारा बौद्ध धर्म की पहचान मिटाने के उद्देश्य से बौद्ध बिहारो को नष्ट कर दिया गया और पंद्रह सौ वर्षों तक चलने वाला दीपदानोत्सव 12 वीं सदी के बाद दीपावली बन गया।

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इस अवसर पर रविंद्र कुमार, जितेंद्र कुमार , नंदलाल भारती, आशीष कुमार, उपेंद्र कुमार राम, नरेश मेहता, कन्हाई मेहता, सुरेंद्र वर्मा , उपेंद्र पासवान, आलोक कुमार, संतोष कुमार मेहता, सुरेंद्र कुमार मेहता, संतन कुमार वर्मा आदि उपस्थित थे।

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