
औरंगाबाद। आज कल विभिन्न माध्यमों से ठगी करने वालों का गिरोह सक्रिय हैं। ऐसा ही एक मामला इंदिरा आवास योजना के तहत सरकारी मकान दिलाने के नाम पर फ्रॉड कॉल सामने आया है जिसमें एक महिला से आवास दिलाने के नाम पर 10 हजार रुपयों की मांग की गई। लेकिन जब उस महिला ने इस बात की जानकारी अपने अन्य परिजनों को दी। इसके बाद मामले में परिजनों ने संबंधित व्यक्ति से पूछताछ की तो वह बातचीत के दौरान ना केवल अपना स्थाई पता बदला बल्कि नाम भी बदला। हालांकि इसके बाद उन्हें यह बात समझते देर नहीं लगी कि यह कोई इंदिरा आवास सुपरवाइजर की कॉल नहीं बल्कि एक फ्रॉड कॉल हैं। इसके बावजूद जालसाज के मुताबिक वे दूसरे दिन जब ब्लॉक पहुंचे जहां ऐसा कोई व्यक्ति सुपरवाइजर के नाम से कार्यरत ना होने की बात अन्य कर्मियों द्वारा बताया गया। दरअसल यह मामला औरंगाबाद ज़िले के गोह प्रखंड अंतर्गत जमुआइन गांव की हैं। जहां मामले में कामेश्वर महतो की पत्नी लालती देवी को 17 अक्टूबर 2022 को एक फ्रॉड कॉल आया जिसमें बताया गया कि हम पास के ही गांव गोरकटी से बोल रहे हैं। साथ ही उसने खुद को गोह प्रखंड में इंदिरा आवास योजना का सुपरवाइजर राजेश कुमार महतों बताया और इंदिरा आवास योजना के तहत मकान दिलाने की बात कहीं। वहीं काम के बदले में 10 हजार रुपयों की मांग की। तथा ब्लॉक परिसर में आने की बात कही। जब दूसरे दिन परिजनों के साथ महिला ब्लॉक पहुंची और उस व्यक्ति से संपर्क करने की कोशिश की तो वह व्यक्ति सरकारी मीटिंग में होने की बात कहकर फोन को काट दिया। वहीं थोड़ी देर बाद जब पुनः संपर्क किया गया तो वह गोह अंतर्गत गोरकट्टी का निवासी ना बता कर खुद को ओबरा प्रखंड अंतर्गत एक गांव निवासी बताया। इसके बाद महिला ने ब्लॉक में संबंधित सुपरवाइजर के बारे में पूछताछ की तो ऐसा कोई व्यक्ति वहां ना होने की बात अन्य कर्मियों द्वारा बताया गया। इसके बाद वह पूरे मामले को समझ चुकी थी। यह आवास के नाम पर फ्रॉड कॉल हैं जिसका उद्देश्य रूपयों की ठगी करना है। ऐसे में मगध हेडलाइंस अपने पाठकों को इस तरह के फ्रॉड कॉल की झांसे में ना आने की अपील करता हैं।