मगध हेडलाइंस

शहर का सरकारी बस स्टैंड बना जुआरियों का अड्डा, जहां दिन रात रहता था चहल-पहल-अब पसरा हुआ है सन्नाटा  

1953 में करवाया गया था निर्माण, बिहार-झारखंड के बटवारे के बाद कम हुई वाहनों की आवागमन 

औरंगाबाद। कभी बसों की भीड़ से सरकारी बस स्टैंड गुलजार रहता था जबकि अब सन्नाटा पसरा है। यहां न तो बसें हैं न ही स्टैंड की स्थिति ठीक है। ये हाल है शहर के गांधी मैदान परिसर स्थित सरकारी बस स्टैंड का हैं। यहां पहले हमेशा वाहनों की भीड़ से गुलजार रहने वाला बस स्टैंड अब अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। इस बस स्टैंड का निर्माण वर्ष 1953 में हुआ था।
स्टैंड में सुबह से शाम तक यात्रियों की भीड़ लगी रहती थी परंतु अब सन्नाटा पसरा हुआ रहता है।
स्टैंड के पास रहने वाले डोमा चौधरी, अजय राम एवं महेंद्र पासवान ने बताया कि यहां पहले करीब 20 बड़े होटल थे। पूरे बस स्टैंड के इर्द गिर्द लाइट की पूरी व्यवस्था रहती थी। रात भर स्टैंड जगमगाते रहता था परंतु अब शाम होते ही अंधेरा छा जाता है। स्टैंड का प्रतिक्षालय जुआरियों एवं शराबियों का अड्डा बन गया है। शराबियों एवं जुआरियों की डर से स्टैंड के अधिकारी व कर्मी सहमे रहते हैं।
छह बसों का होता है संचालन : वर्ष 1992-1993 से लेकर वर्ष 1999 तक स्टैंड से करीब 140 बसें रांची, टाटा, बोकारो, पटना, डाल्टेनगंज, वाराणसी, सीतामढ़ी, छत्तीसगढ़, रायगढ़, पश्चिम बंगाल समेत अन्य जगहों के लिए खुलती थी। 15 नवंबर 2000 को बिहार-झारखंड का बंटवारा हुआ। उसी समय अधिक बसें झारखंड के कोटे में चली गई। उस वक्त से इस स्टैंड की स्थिति अत्यंत दयनीय हो गई। वर्तमान में यहां से मात्र छह बसों का संचालन होता है। तीन बस पटना एवं तीन गया के लिए खुलती है।
14 वर्षों से बंद पड़ा है पेट्रोल पंप : बिहार बंटवारे के बाद से स्टैंड एवं उसके कर्मी परेशान हैं। स्टैंड में खुद का पेट्रोल पंप है जो पिछले 14 वर्षों से बंद है। यह पंप अब पूरी तरह कबाड़खाना बन गया है। कार्यालय की स्थिति ठीक नहीं है। सरकार के द्वारा इस स्टैंड पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। भवन व छत पूरी तरह जर्जर हो गया है।
बस स्टैंड परिसर में अतिक्रमण : सरकारी बस स्टैंड परिसर पूरी तरह से अतिक्रमित होते जा रहा है। स्टैंड परिसर में चारदीवारी टूटे होने के कारण इसके अंदर घर बना दिया गया है। झोपड़ी बना दी गई है। अब यहां आवारा पशुओं का जमावड़ा लगा रहता है। यहां पानी टंकी करीब 18 वर्षों से बेकार पड़ा है। 17 वर्ष पहले तक मोटर से टंकी में पानी भरा जाता था परंतु अब पूरी तरह टंकी जर्जर हो गई है। बस स्टैंड में लफंगों का अड्डा बन हुआ है। पूरे दिन और रात जुआ होता है।
इस संबध में नगर थानाध्यक्ष सतीश बिहारी शरण ने बताया कि गांधी मैदान स्थित बस स्टैंड में जुआरीयों का अड्डा रहता है जिसके लिए कई बार पहले भी पुलिस की टीम को भेजी जा चुकी है। लेकिन अब दिन और रात उक्त जगह पर गश्ती तीन कैंप करेगी जिसके कारण शांति कायम हो सके। बस स्टैंड की जीर्णोद्धार के लिए पूरी नजर रखी जायेगी।

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