औरंगाबाद। किशोर न्याय परिषद औरंगाबाद के प्रधान दंडाधिकारी मनीष कुमार पाण्डेय ने देव थाना कांड संख्या 94/08 में निर्णय पर सुनवाई करते हुए एकमात्र किशोर को किशोर न्याय अधिनियम की धारा में दोषी पाते हुए देव सूर्य मंदिर में दो माह सामुदायिक सेवा देने का इतिहासिक फैसला सुनाया है। वहीं अन्य अभियुक्तों का ट्रायल व्यवहार न्यायालय औरंगाबाद में चल रहा था।
अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि प्राथमिकी 14 साल पूर्व दर्ज की गई थी जिसमें किशोर 20 दिनों तक हिरासत में था। निर्णय की कोपी किशोर को दी गई जिसका समय से पालन कर रिपोर्ट किशोर न्याय परिषद में पेश करना है। निर्णय के अनुपालन न होने पर न्यायालय अन्य आदेश दे सकती है। किशोर पर दिनांक 20.10.08 को विभिन्न धाराओं को में प्राथमिकी का सारांश सुनाया गया था।