औरंगाबाद। को-आपरेटिव बैंक के प्रबंध निदेशक राज्य सरकार द्वारा धान की अधिप्राप्ति को लेकर उपलब्ध कराई गई राशि का विचलन कर रहे हैं जो विरुद्ध है और एक प्रकार का आर्थिक अपराध है। यह आरोप ज़िले के मिलर और पैक्स के एक मंडल ने औरंगाबाद के सांसद सुशील कुमार से मिलकर लगाएं। सांसद को सौंपे ज्ञापन में किसान, मिलर और पैक्स के शिष्टमंडल ने कहा कि धान अधिप्राप्ति सरकार की बेहद महत्वपूर्ण योजना है। इस योजना के क्रियान्वयन में औरंगाबाद के सांसद द्वारा की गई पहल भी काफी सराहनीय है। इस कारण से अब निर्धारित समय से पहले किसानों से धान की खरीद भी हो जा रही हैं और उसका चावल भी तेजी से बनाकर एफसीआई को दिया जा रहा है। शिष्टमंडल ने कहा कि धान अधिप्राप्ति शुरू होने के पहले ही सरकार संयुक्त रूप से आदेश जारी करती है और उसी के अनुरूप विभागीय पदाधिकारी और पैक्स काम करते हैं।
इसके साथ-साथ सरकार फैक्स की अनुमानित राशि परिवहन, हथलन, सूद, सुखवन और लाभ के रूप में देती है। लेकिन को-ऑपरेटिव बैंक के वर्तमान प्रबंध निर्देशक ने वर्ष 2020-21 में सूद ज्यादा लिए और शेयर के नाम पर पूर्ण राशि को जब्त कर लिया। इस पर पैक्स से सूद भी लिए। इस राशि के अभाव में मिलर को आपूर्ति किए गए चावल के विरुद्ध परिवहन एवं मिलिंग की राशि अब तक भी अप्राप्त है। इससे पैसों का संबंध मिलर से खराब हो रहा है। सरकार द्वारा दी गई राशि का विचलन प्रबंध निदेशक के द्वारा किया गया हैं, जो गलत है। शिष्टमंडल ने सांसद से किसान, मिलर एवं पैक्स के हित में वह हस्तक्षेप करें और इस दिशा में पहल करते हुए उक्त राशि का भुगतान सरकार द्वारा दिए गए मद में करवाने का कष्ट करें ताकि धान में अधिप्राप्ति की प्रक्रिया नियमित रूप से प्रतिवर्ष की जा सके। इस मौके पर पैक्स अध्यक्ष लक्ष्मी प्रताप सिंह, अरविन्द कुमार निराला, उपेन्द्र सिंह, मिलर सुरेन्द्र कुमार सिंह, चंचल कुमार सिंह, साकेत कुमार, राकेश कुमार सिंह, विकास कुमार, विरेन्द्र कुमार, रविरंजन कुमार, अभय कुमार, संजय कुमार सिंह, अभिषेक कुमार रवि कुमार, अमित कुमार रंजन मौजूद रहें।