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गरीबों की समस्या जानने के लिए है गरीब संपर्क यात्रा : डॉ. संतोष सुमन 

         – मिथिलेश कुमार –

मगध हेडलाइंस: अम्बा (औरंगाबाद)। हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) गरीब संपर्क यात्रा के सातवें दिन तेलहारा से शुरू हुई। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण विभाग मंत्री डॉ. संतोष कुमार सुमन का अम्बा नबीनगर रोड में पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा सम्मानित किया गया। जहां से सैकड़ों की संख्या में वाहन के काफिले के साथ यात्रा दधपा, देवरिया बाजार माली होते हुए कर्मा पहुंची।

जहां कार्यकर्ताओं के द्वारा जनसभा का आयोजन किया गया। कार्यकर्ताओं ने संतोष कुमार सुमन एवं पार्टी के नेताओं को पुष्प माला एवं अंग वस्त्र से सम्मानित किया। जनसभा को संबोधित करते हुए डॉ. संतोष कुमार सुमन ने महाशिवरात्रि की शुभकामना दी और कहा की हम लोग यात्रा पर निकले हुए हैं। यात्रा के दौरान आप लोगों से मिलते हैं एक दूसरे के बात सुनते हैं। लोगों के विचारों को सुनकर हम लोग फीडबैक लेते हैं। उनकी बातों को संकलित कर उसका निचोड़ निकालते हैं और जनहित में अपने तरीके से पेश करते हैं। जो नई नज़ीर कायम होती है।

इसीलिए यात्रा निकाली गई है। यात्रा मिलने जुलने का कार्यक्रम है। यह जनता की समस्याओं को जानने का कार्यक्रम है। हम लोग ऐसे देश में रहते हैं जहां हर 10 किलोमीटर पर पानी बदल जाता है, बोली बदल जाती है, लोगों को रहने का तरीका बदल जाता है। विविधता हमारे देश की सुंदरता है। उसी विविधता को जानने के लिए रैली निकाली गई है। सामाजिक एवं राजनीतिक स्तर पर हर बात के अलग-अलग मायने होते हैं। मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। समाज के प्रति उसका लगाव होता है। समाज ने जो कुछ भी दिया है उसे लौटाने का कर्तव्य हर व्यक्ति का बनता है।

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गरीबों को आगे बढ़ाने, उनको मंच देने, सम्मान देने तथा ऊंचाइयों तक ले जाने के उद्देश्य से पार्टी का गठन किया गया है और यह यात्रा निकाली गई है। दलित समाज के गरीब लोग जो अपनी बातों को अभिव्यक्त नहीं कर पाते उनके साथ बैठकर, खाना खा कर अपनापन का माहौल बनाना है। हमें उनका विश्वास जीतना है। अपनेपन में लोग दिल में छुपी दर्द व पीड़ा को बताते हैं। जो शासन और प्रशासन की नजर में नहीं होती है। बहुत सी ऐसी बातें हैं जो सत्ता के शीर्ष पर बैठे लोगों को नजर नहीं आती है। उन्हीं बातों को जानने के लिए यात्रा का शुरुआत हुआ है।

नवादा के शेखो दवरा से हमने यात्रा की शुरुआत की जो जयप्रकाश की कर्मस्थली है। जहां से उन्होंने गरीबों को एक करने की आवाज दी थी। उस जगह से शुरू कर हम लोग चौथा जिला में यात्रा कर रहे हैं जो अंतिम चरण में है। 2015 में पार्टी बना कर लंबा संघर्ष किया। हम लोग एक उत्प्रेरक की तरह काम करते हैं। हम लोग सरकार के अंग हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ काम कर रहे हैं। समाज की समस्याओं को इकट्ठा करने के लिए यात्रा शुरू की गई है। समाज की समस्याओं को सकारात्मक दृष्टिकोण से इकट्ठा करना और और उनका समाधान करना हमारा उद्देश्य है। 26 फरवरी को गया के गांधी मैदान में यात्रा का समापन करने के बाद हम लोग मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलेंगे और जनता की समस्याओं के समाधान का प्रयास करेंगे। अगर हम गरीबों की समस्या का समाधान नहीं कर सकते तो हमारे यहां रहने का कोई औचित्य नहीं है।

यह हमारी पार्टी की यूएसपी है। यही हमारी कार्यशैली है। इसी उद्देश्य के साथ हम लोग आगे बढ़ रहे हैं और आप सबों का समर्थन, विश्वास, प्यार मिल रहा है। अनुसूचित जाति के गरीब लोगों को सहारा देना है और उन को आगे बढ़ाना है। इसीलिए श्रवण भुईयां को टिकट दिया गया था। पार्टी द्वारा टिकट दिए जाने पर विरोधियों ने पैसे के लेन-देन का आरोप लगाया था। हमारी पार्टी ने चप्पल और खाली पर घूमने वाले व्यक्ति को सम्मान देने का काम किया है। प्रफुल्ल मांझी एक साधारण व्यक्ति आज विधायक बने हुए हैं और हमारी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष हैं। हम पार्टी की परिकल्पना सबको साथ लेकर, सबको समेट कर चलने का है। हमलोग नेतागिरी करने नहीं आए हैं। मैंने भी गरीबी को महसूस किया है क्योंकि हमारी बुआ और मौसी गरीबी में रहती हैं। मैं उनके यहां आता – जाता रहता हूं। गरीबी के संघर्ष को हम जानते हैं। हमारे पिता यह बंधुआ मजदूर के बेटा है। जो संघर्ष करते यहां तक पहुंचे हैं। हम लोग संघर्ष से नहीं घबराते हैं। हमने निर्णय लिया है कि रोड पर चलकर जनता से संवाद करना है। जनता मालिक है।

जीतन राम मांझी ने उठाई थी स्वर्ण आरक्षण की मांग :  सवालों के 10 परसेंट रिजर्वेशन की बात जीतन राम मांझी ने उठाई थी। उस समय बहुत कम लोग इस मुद्दे पर बोलते थें। वे बोलने से डरते थे। स्वर्ण आरक्षण के पक्ष में उठी आवाज का रिजल्ट आया और आप लोगों को सम्मान मिला।

हमारे देश में 3 से 4 प्रतिशत लोग अमीर है। उन पूंजीपतियों के पास संपत्ति का भंडार है। बाकी 90 प्रतिशत लोग गरीब है। 5 से 10 बीघा वाले किसान अमीर नहीं है। उनकी सालाना बचत उतनी ही होती है लिखने में साल भर परिवार का भरण पोषण हो जाए। लेकिन उनके बच्चों को अच्छी शिक्षा नहीं मिल पाती है। उस दूरी को पाटने के लिए हमलोग निकल पड़े हैं।

कार्यकर्ताओं के प्रयासों की सराहना : संतोष कुमार सुमन ने कहा कि कोई कार्यकर्ता बड़ा या छोटा नहीं होता। दिल और कर्म से व्यक्ति बड़ा और छोटा होता है। अगर आपका आउटपुट अन्य लोगों से बढ़िया है तो आप ही महान हैं। किसी भी संगठन, परिवार और पार्टी के लिए वह व्यक्ति ज्यादा महत्वपूर्ण है जो काम करता है। हमें विपरीत परिस्थितियों में लड़ने की सीख लेनी चाहिए। कोई धारा के साथ वह जाता है। लेकिन धारा के विपरीत जो धारा को चीर कर निकलता है वही सिकंदर है। अभी हमारी पार्टी का दायरा छोटा है।

हमारे लिमिटेड स्कोप है। उस स्कोप में भी हमारे पास हीरे जैसे कार्यकर्ता है। उनके मार्गदर्शन के लिए पार्टी के बुद्धिजीवी नेता है। ऐसे लोगों ने मिलकर पार्टी को तराशा है और पार्टी को आगे बढ़ाने का काम किया है। हम ऐसे कार्यकर्ताओं को पाकर धन्य है। हम आपके पास आए हैं यह हमारी महानता नहीं है। यह आप की महानता है कि आपने गर्मजोशी से हमारा स्वागत किया। यह मेरे लिए गर्व की बात है। यह नेता के लिए गर्व की बात है कि आप जैसे कार्यकर्ता मिलते हैं। कार्यकर्ता पार्टी की निंव है। अगर कार्यकर्ता नहीं रहे तो हम नहीं रहेंगे। हम ऊपर ही दिखते हैं क्योंकि आप जैसे कार्यकर्ता हमारे साथ खड़े हैं। आप लोगों के बगैर मेरी कोई हस्ती नहीं है। यात्रा के दौरान जय हिंद तेंदुआ, नबीनगर, टंडवा, पिछुलिया, मटपा, संडा एवं परता का दौरा किया।

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