
मगध हेडलाइंस: औरंगाबाद । आत्मा योजनान्तर्गत दो दिवसीय “तेलहन फसल के साथ मधुमक्खी पालन पर संयुक्त कृषि भवन के प्रांगण में कार्यशाला” कार्यक्रम 2024-25 का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन जिला कृषि पदाधिकारी राम ईश्वर प्रसाद, उद्यान सहायक निदेशक डॉ. श्रीकान्त, आत्मा के उप परियोजना निदेशक शालिग्राम सिंह, पौधा संरक्षण सहायक निदेशक रॉकी रावत, सहायक निदेशक रसायन दीपक कुमार, मौसम एवं कृषि वैज्ञानिक अनूप चौबे के द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। इस कार्यक्रम में जिले के सभी प्रखंडों से किसानों एवं जीविका दीदियों को आमंत्रित किया गया जिसमें 250 किसानों ने भाग लिया। इस अवसर पर जिला कृषि पदाधिकारी राम ईश्वर प्रसाद द्वारा बताया गया कि रबी एवं गरमा मौसम में वितरीत तेलहन बीज के साथ यदि मुधुमक्खी पालन किया जाए तो फसल उत्पादन में 15 से 30 प्रतिशत तक वृद्धि के साथ-साथ शहद, रॉयल जेली, मौन विष, प्राग, वैक्स आदि का उत्पाद के रूप में अतिरिक्त आय की भी प्राप्ति होगी। सहायक निदेशक उद्यान के द्वारा मधुमक्खी के छत्ते को स्थापित करने की प्रक्रिया एवं मौन पालन के संबंध में विस्तार से जानकारी दी गई। इनके द्वारा विभाग से अनुदानित दर पर मौन बॉक्स भी उपलब्ध कराने की सरकार के योजना के बारे में विस्तार से बताया गया। पौधा संरक्षण के सहायक निदेशक रॉकी रावत के द्वारा मधुमक्खी पर लगने वाले कीट – व्याधियां एवं फसल पर छिड़काव किये जाने वाले कीटनाशी दवाओं का मधुमक्खी पालन पर होने वाले दुष्प्रभाव के बारे में विस्तार से बताया गया। उप परियोजना निदेशक, आत्मा के द्वारा मधुमक्खी पालन से होने वाले लाभों एवं मध में पाये जाने वाले पोषक तत्वों के बारे में विस्तार से बताया गया। कृषि वैज्ञानिक अनूप चौबे के द्वारा मधुमक्खी के पालन पोषण के संबंध में विस्तार से जानकारी कृषकों को दी गई। इस कार्यक्रम में नवनियुक्त सहायक निदेशक, नवनियुक्त प्रखण्ड कृषि पदाधिकारी, प्रखण्ड तकनीकी प्रबंधक, सहायक तकनीकी प्रबंधक एवं प्रशिक्षणार्थी किसान बन्धु ने भाग लिया।






