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डीएन कॉलेज में अब पांच विषयों में होगी पीजी की पढ़ाई

मगध हेडलाइंस: औरंगाबाद। मगध विश्वविद्यालय बोधगया की अंगीभूत इकाई दाउदनगर कॉलेज में स्नातकोत्तर डिग्री की पढ़ाई शुरू होगी जिसका उद्घाटन आज मगध विश्वविद्यालय बोधगया के कुलपति प्रो. डॉ शशी प्रताप शाही ने किया। इस अवसर पर प्रमुख रूप से रजिस्ट्रार प्रो डॉ विपिन कुमार , काराकाट सांसद राजाराम सिंह एवं ओबरा विधायक ऋषि कुमार, मगध विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति एवं प्रख्यात भूगोलवेता प्रो. (डॉ.)मोहम्मद इश्तियाक मौजूद रहे। इसके साथ ही अब दाउदनगर कॉलेज में मनोविज्ञान, भूगोल, हिंदी, इतिहास और अर्थशास्त्र विषय की पढ़ाई शुरू हो गई। नए विषयों की पढ़ाई शुरू होने से छात्रों में हर्ष हैं। कुलपति प्रो डॉ शशी प्रताप शाही ने कहा कि छात्रों की मांग और क्षेत्र में उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से डीएन कॉलेज में पांच विषयों में पीजी की पढ़ाई की अनुमति दी गई है। जल्द ही इन विषयों के लिए शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी। इसके लिए सरकार प्रयासरत है। कॉलेज में पीजी की पढ़ाई शुरू होने से यहां के छात्र-छात्राओं को काफी सहूलियत होगी। उन्हें अब उच्च शिक्षा के लिए बाहर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। उन्होंने कॉलेज के विकास के लिए प्रधानाचार्य को डी पी आर बनाने का निर्देश दिया एवं विधायक से आग्रह किया कि विधानसभा के पटल पर दाउदनगर कॉलेज के विकास के मुद्दे को और मजबूती से उठाया जाए। साथ ही उन्होंने सभी शिक्षकों एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारियों से आग्रह किया के महाविद्यालय को एक परिवार के रूप में मानते हुए तन्मयता के साथ काम करें क्योंकि काम करने से ही विकास के मार्ग खुलते हैं एवं समाज की उन्नति होती है। उन्होंने जाति वर्ग एवं संप्रदाय के भेद को मिटा कर ऊपर उठने की बात कही। काराकाट सांसद राजाराम सिंह ने कहा कि विकासोन्मुखी सोच वाले प्रधानाचार्य प्रो डॉ एम शम्सुल इस्लाम के अथक प्रयासों और परिश्रम से ही यह संभव हो पाया है, जो महाविद्यालय में स्नातकोत्तर की पढ़ाई की मान्यता दिलवाने के लिए वे निरंतर प्रयासरत रहे। उन्होंने इसके लिए मगध विश्वविद्यालय को कई बार पत्राचार किया।

ओबरा विधायक ने सदन में उठाया था मामला : ओबरा विधायक ऋषि कुमार ने कहा कि डीएन कॉलेज में स्नातकोत्तर की पढ़ाई के लिए उन्होंने भी बिहार विधान सभा में मांग उठायी थी। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा के लिए पीजी की पढ़ाई नहीं होने से इलाके के बहुत सारे छात्र स्नातक के बाद पढ़ाई छोड़ देते थे। लड़कियों को उच्च शिक्षा के लिए सबसे अधिक समस्या होती थी। पीजी की पढ़ाई शुरू होने से छात्र-छात्राओं को लाभ मिलेगा। स्थानीय स्तर पर शोध संस्कृति का विकास होगा। मगध विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति एवं प्रख्यात भूगोलवेता प्रो. (डॉ.) मोहम्मद इश्तियाक ने मगध विश्वविद्यालय के अपने पुराने दिनों को याद करते हुए वर्तमान स्थिति को देखते हुए प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने दाउदनगर महाविद्यालय की उपलब्धियों पर प्रधानाचार्य की सराहना की। मगध विश्वविद्यालय के गौरवशाली अतीत हो याद करते हुए कहा कि जब वे विदेशों में भी जाते हैं तो मगध साम्राज्य की चर्चा और इसके ऐतिहासिक शिक्षा व्यवस्था की चर्चा की जाती है।

मगध विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार प्रोफेसर  डॉ० बिपिन कुमार ने बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों में उच्च शिक्षा से संबंधित चुनौतियों का उल्लेख करते हुए कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों के कॉलेजों में शिक्षकों की कमी पर चिंता व्यक्त की और इसे दूर करने का भरोसा जताया। दाउदनगर के छात्रों को पढ़ाई के लिए जाना पड़ता था बाहर : प्रधानाचार्य प्रो डॉ एम शम्सुल इस्लाम ने कहा कि पूर्व में पीजी की पढ़ाई के लिए यहां के युवाओं को बाहर जाना पड़ता था, जिसमें उन्हें आर्थिक एवं मानसिक परेशानी झेलनी पड़ती थी। स्नातकोत्तर की पढ़ाई करने दाउदनगर के छात्रों को औरंगाबाद या गया जाना पड़ता था। अब छात्रों को यह सुविधा दाउदनगर में ही मिल जायेगी। अंत में धन्यवाद ज्ञापन हिंदी के सहायक प्राध्यापक प्रो. आकाश कुमार ने किया. मंच संचालन भूगोल के सहायक प्राध्यापक डॉ. देव प्रकाश एवं प्रो.आकश कुमार ने किया। कुलगीत एवं स्वागत गान महाविद्यालय की बी.ए. सेमेस्टर तीन की छात्राओं-प्रीति, पुनम, मोनी एवं वर्षा ने प्रस्तुत किया।

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