– मिथलेश कुमार –
पटना के रामनगरी मोड़ स्थित इंडियन फिटनेस जिम से लाखों रुपए के उपकरण चोरी हो गए। हालांकि प्राथमिकी दर्ज होने के 10 घंटे के अंदर ही पुलिस ने चोरी हुए सारे उपकरण बरामद कर लिया परंतु जिम संचालक अमर प्रताप सिंह उर्फ सोनू सिंह ने पुलिस की कार्यवाही पर संदेह जता रहे हैं। जिम के संचालक ने बताया कि 3 अगस्त की शाम प्रत्येक दिन की तरह उनका स्टाफ जिम बंद कर घर चला गया। अगले दिन सुबह जब वह जिम खोलने पहुंचा तो बिल्डिंग के मुख्य गेट को बंद पाया। तब उसने मकान मालिक से गेट खोलने के लिए बात की परंतु मकान मालिक के आनाकानी करने पर स्टाफ ने जिम संचालक को फोन कर मामले की जानकारी दी। सूचना मिलने पर जब जिम संचालक मकान मालिक से बात करने पहुंचे तब मकान मालिक ने जिम संचालक के साथ अभद्र व्यवहार किया। लाख प्रयास करने के बावजूद जब मकान मालिक गेट खोलने के लिए तैयार नहीं हुआ तब जिम संचालक ने 112 नंबर पर फोन कर पुलिस को मामले की जानकारी दी। सूचना मिलने पर घटनास्थल पर पहुंची राजीव नगर थाना की पुलिस ने बिल्डिंग का मेन गेट खुलवाया। जिम के अंदर जाने उन्होंने देखा कि जिम का सारा उपकरण गायब है। तब जिम संचालक ने राजीव नगर थाना में आवेदन देकर 23 लाख रुपयों के उपकरण की चोरी का मामला दर्ज कराया। जिसके आलोक में पुलिस ने छापेमारी कर इंद्रपुरी इलाके के एक झोपड़ी के अंदर से सारे उपकरण बरामद कर लिए परंतु अभी तक चोरी की घटना का उद्वेदन नहीं हो पाया है। चोर अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं।
मकान मालिक और जिम के एक अन्य स्टाफ पर लगाया चोरी का आरोप : जिम संचालक ने इस चोरी की घटना में मकान मालिक और जिम के ही एक अन्य स्टाफ की मिली भगत से उपकरणों की चोरी का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि मकान मालिक के कहने पर नौशाद उर्फ छोटू को जिम के स्टाफ के रूप में रखा था। जिम की एक चाबी नौशाद के पास भी रहती थी। घटना की रात उसने मकान मालिक के साथ मिलकर चोरी की घटना को अंजाम दिया और चोरी के बाद जिम के ताला बदल कर दूसरा ताला लगा दिया। ताकि हम लोग जिम के अंदर नहीं जा सके। उन लोगों का यह कृत्य उनकी गलत मंशा को बयां करता है। गौरतलब है कि मकान मालिक भी उसी बिल्डिंग में रहते हैं। शोर शराबा किए बगैर जिम के भारी भरकम उपकरणों को इतनी आसानी से गायब नहीं किया जा सकता। मकान मालिक को इसकी जानकारी थी। वहीं घटना की अगली सुबह मकान मालिक का मेन गेट न खोलना उन पर संदेह जताता है।
पुलिस की कार्यवाही को बताया संदेहास्पद : पुलिस की माने तो उन्होंने इसे लैंड डिस्प्यूट का मामला बताया है। जिम संचालक और मकान मालिक के बीच रेंट और मकान खाली कराए जाने को लेकर अनबन चल रही थी। वहीं मकान मालिक का आरोप है कि जिम संचालक जबरन उनके मकान में जिम का संचालन कर रहे थे। परन्तु जिम संचालक ने बताया कि जिम खाली करने के लिए उन्हें 9 अगस्त तक का समय दिया गया था लेकिन उससे पहले ही जिम का सारा सामान चोरी कर लिया गया। जिम संचालक ने घटना को लेकर पुलिस के रवैए और कार्यवाही को संदेहास्पद बताया है। उन्होंने कहा कि ऐसे कई सवाल है जिसे लेकर मकान मालिक और पुलिस की कार्यवाही पर संदेह होता है। जैसे घटना की अगली सुबह मकान मालिक का मेन गेट न खोलना, पुलिस को चोरी हुए उपकरणों की सुचना किसने दी होगी और जहां से सामान बरामद हुआ है वह झोपड़ी किसकी है, चोरी की घटना से पहले जमीन मालिक और पुरानी राजीव नगर थाना की पुलिस के बीच बातचीत का वीडियो फुटेज और रिकॉर्डिंग। पुलिस नामजद अभियुक्त को न तो गिरफ्तार कर रही है और न ही उनसे पूछताछ कर रही है। यह सारी बातें बयां करती है कि पुलिस भी मकान मालिक से मिली हुई है। जिम संचालक के आरोप और वीडियो फुटेज पुलिस की विश्वसनीयता पर सवाल उठा रहे हैं। इस तरह के मामले पुलिस और प्रशासन की न्याय प्रणाली को लेकर समाज में एक गलत अवधारणा पैदा कर रहे हैं। बहरहाल कुछ भी कहना मुश्किल है अगर पुलिस मामले की निष्पक्ष जांच करती है तो जल्द ही मामले का खुलासा हो पाएगा।