औरंगाबाद। विगत दिनों जिले में हुई बारिश के फलस्वरूप अत्यधिक समय तक जलजमाव रहने के कारण डेंगू वायरस के वाहक मच्छरों के फैलाव की सतत् आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है। डेंगू वायरस की खतरा को देखते हुए बचाव व ज़रूरी जानकारी आवश्यक है। यह उक्त बातें अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर किशोर कुमार ने कहा है। उन्होंने आगे कहा कि ऐसे में जिला प्रशासन औरंगाबाद ने डेंगू के बढ़ते प्रकोप की संभावना को देखते हुए इसके रोकथाम के लिए सतर्कता बढ़ाई है।
ताकि इस बीमारी से बचा जा सके। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों में पटना ज़िला अंतर्गत डेंगू के मामले सामने आए हैं जिसको लेकर ज़िला प्रशासन औरंगाबाद अलर्ट है। उन्होंने कहा कि डेंगू प्रकोप से अपने ज़िले में भी इनकार नहीं किया जा सकता हैं। लेकिन फिलहाल ऐसा कोई मरीज यहां अब तक नहीं मिले हैं जिसमें डेंगू के कोई खास लक्षण हो। ज़िला चिकित्सालय में डेंगू के मरीजों के लिए जांच की सुविधा उपलब्ध हैं। इसके मरीजों के लिए पांच अलग बेड अधिकृत किए गए हैं। यहां एंटीजन टेस्ट किया जा रहा है। यदि एंटीजन में कोई पॉजिटिव पाया जाता है तो इसके बाद पटना से जांच करवाया जाता है। वहां की रिपोर्ट में भी यदि कोई पॉजिटिव पाया जाता हैं तो उस मरीज को जरूरी जांच के अनुसार सुविधाएं प्रदान की जाएगी। हालांकि अब तक जो भी मरीज मिले हैं उनमें कुछ खास परेशानी वाली लक्षण दिखाई नहीं दिए है। लेकिन ऐसे में जागरूकता आवश्यक है। यदि किसी व्यक्ति को तेज सर्दी, खांसी, बुखार, उल्टी, सिर में दर्द या फिर दस्त हो रहा हो तो उन परिस्थितियों में अस्पताल जाकर उन्हें जरूर जांच करवानी चाहिए।
साथ ही उन्हें जो भी दवाईयां या उपाय बताया जाएं उसे पालन करना चाहिए। हमारे यहां दवाओं की कोई कमी नहीं है। आज से जिले में फागिंग की शुरुआत की गई है। इस दौरान जलजमाव वाले क्षेत्रों की पहचान कर पानी की निकासी की समुचित व्यवस्था जगह-जगह किया जा रहा हैं। इसके अलावा सतत व प्रभावी फागिंग भी की जाएंगी। इसके अलावा एंटी लार्वा का छिड़काव यथा सभी अस्पतालों सहित विभिन्न जगहों पर शुरू किया गया है। वहीं सरकारी, गैर सरकारी एवं निजी संस्थानों में डेंगू की रोकथाम को लेकर व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाएगा।