– डी के यादव
मगध हेडलाइंस: कोंच(गया) शब-ए-बरात का त्योहार शुक्रवार को मनाया गया। इस दिन मुसलमान भाई सारी रात जागकर अल्लाह से अपने गुनाहों की माफी मांगते और इबादत करते हैं। समाजसेवी मो.महताब अंसारी ने जानकारी देते हुए बताया कि कहा जाता है कि सच्चे दिल से मांगी गई माफी इस रात को कबूल हो जाती है। वहीं, अपने परिजनो की कब्र पर जाकर उनके मगफिरत की दुआएं मांगे जाने के साथ ही शहीदों की मजार पर जाकर फातिहा भी पढ़ते हैं। शब-ए- बारात में इबादत करने वालों पर खुदा की रहमत रहती है। इस दिन हलुआ सहित अन्य पकवान बनाकर अपने परिजनों के नाम फातिहा कराया जाता है।
शाबान महीने की 14 वीं की रात में खुदा आसमान और दुनिया के बीच आकर कहता है कि है कोई बंदा जो अपनी मुश्किलों से निजात मांगता है। मैं उसको निजात दूं। है कोई बंदा जो अपने गुनाहों की माफी चाहता है, मैं उसके गुनाहों को माफ करूं। यह रात सभी रातों में बेहतर है। इस दिन पूरी रात इबादत करनी चाहिए। शाबान का महीना रहमतों और बरकतों का महीना कहा गया है। इबादत में पूरी रात गुजार देने वाली इस रात में कब्रिस्तानों में जाकर मुसलमान भाई अपने परिजनो के लिए दुआ करते हैं और उनके गुनाहों की माफी के लिए खुदा से मिन्नतें करते हैं। पूरी रात महिला और पुरुष अपने घर और मस्जिदों में इबादत कर गुजारते हैं।