विविध

दिहाड़ी मजदूरों के बीच गहराती जा रही हैं भूखमरी की समस्या

इनसे मजदूरी कुछ और तय किया जाता हैं और दिया कुछ और जाता हैं, ऐसे में सरकार तो सरकार, ठिकेदार भी करते हैं मनमानी

मेहनत का नाम है मजदूर

मगध हेडलाइंस: औरंगाबाद। किसी ने क्या खूब कहा हैं मैं मजदूर हूँ साहब, मजबूर नहीं? अपने पसीनें की खाता हूँ, और मिट्टी को भी सोना बनाता हूँ। रोज कुआं खोदकर अपनी प्यास बुझाता हूं। यही कारण है कि कड़ी मेहनत व मज़दूरी के बाद भी मुझे नींद की गोली नहीं लेनी पड़ती बल्कि हर ज़ोर जुल्म की टक्कर में संघर्ष को प्राथमिकता देता हूं।

Related Articles

कहीं भी बैठ जाता हूं, कहीं भी कमा खा लेता हूं और कहीं भी खुले आसमान के नीचे चादर डालकर सो जाता हूं, कोई भी आकर मुझे डांट जाता है, हमारे पास अपना कहने के लिए कुछ भी नहीं है साहब, यही है हम सब मजदूरों की कहानी।

आपको बता दे की हर रोज औरंगाबाद ज़िले के दूर-दराज गांवों से सुबह दिहाड़ी मजदूर शहर के जामा मस्जिद पर काम की तलाश में इक्कठा होते हैं, लेकिन यहां कुछ को काम मिलती हैं तो कुछ को काम नहीं मिलती हैं जिसके कारण निराश होकर उन्हें बिना काम के घर वापस लौटना पड़ता है। ऐसे में इन मजदूरों की आर्थिक हालत व तक़लिफों को समझा जा सकता है।ऐसे में बढ़ती महंगाई एवं रोजगार की किल्लत से सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है। इसके इनकी समस्या को लेकर ना तो राज्य सरकार संवेदनशील हैं और ना ही केन्द्र सरकार। इनसे हट कर बात करें तो यहां ठिकदार भी इनसे तय कुछ और करते हैं और मजदूरी कुछ देते कुछ और हैं। अर्थात इनका जिकोपर्जन ईश्वर भरोसे हैं, शहर से 50 किलो मिटर दूरी तय कर ये आते हैं, लेकीन कभी आने जाने का किराया भाड़े के लिए बड़ी चिंता का विषय बन जाता है। इस बीच गौरतलब है कि आज कल सरकार पांच किलों अनाज उपलब्ध कराना ही सबकुछ समझती हैं। लिहाजा आज यह वर्ग दिन प्रतिदिन भूखमरी का शिकार होता जा रहा है।

जबकि गौरतलब है कि मजदूरों का किसी भी देश के विकास एवं उन्नति में महत्वपूर्ण योगदान होता है। मजदूरों के बिना किसी भी देश में आर्थिक एवं औद्योगिक ढांचे के निर्माण की कल्पना करना संभव नहीं है। मजदूर सभी कामों की धुरी होने के साथ मानवीय श्रम का आदर्श उदाहरण भी होते हैं। मजदूर कड़कड़ाती सर्दी, भीषण गर्मी व मूसलाधार बरसात जैसे कठिन से कठिन हालातों में अपना पसीना बहाते हैं और अपना मेहनत बेचकर मजदूरी पाता हैं। मजदूरों के हिस्से में कभी कोई इतवार नहीं आता।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!

Adblock Detected

Please remove ad blocer