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उद्घाटन समारोह संपन्न , जिप सदस्य ने कहा – आर्द्रा मेला से सभ्यता और संस्कृति की पहचान

मेले में अपने सामग्रियों का रखे ध्यान - रमेश

मगध हेडलाइंस: अम्बा (औरंगाबाद)। माता सतबहिनी मंदिर के प्रांगण में हर वर्ष आयोजित होने वाले आर्द्रा मेला का उद्घाटन समारोह शुक्रवार को मंदिर प्रांगण में आयोजित की गई। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में जिला परिषद सदस्य सुरेंद्र यादव, जिला परिषद प्रतिनिधि सह राजद नेता सुबोध कुमार सिंह, बीडीओ चंद्रभूषण गुप्ता, अंचलाधिकारी अभय कुमार, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी यदुवंशी यादव एवं थानाध्यक्ष रमेश कुमार सिंह उपस्थित हुए। न्यास समिति के द्वारा आगत अतिथियों का फूल माला एवं अंग वस्त्र देकर स्वागत किया गया। स्वागत के पश्चात अतिथियों ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर मेले का उद्घाटन किया।

जिला परिषद सदस्य सुरेंद्र यादव ने कहा कि आर्द्रा मेला से सभ्यता और संस्कृति की पहचान है। माता सतबहिनी की कृपा किसानों पर बनी रहे। उन्होंने कहा कि हम लोग प्रकृति से दूर हो रहे हैं जिसका परिणाम है कि जिले में बारिश की समस्या के साथ पेयजल की समस्या भी बनी हुई है। वाटर लेवल लगातार कम होता जा रहा है। ऐसे में हम सभी लोगों की जिम्मेदारी बनती है कि ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाएं और पानी का सदुपयोग करें। जिप सदस्य ने कहा की जमीन के अभाव के कारण मंदिर परिसर में शौचालय निर्माण की सोच अधूरी रह गई।

थानाध्यक्ष रमेश कुमार सिंह ने स्थानीय लोगों का विश्वास दिलाया कि मेले का आयोजन शांतिपूर्ण तरीके से कराया जाएगा। इसके लिए मेले में पुलिस बल की तैनाती की गई है। उन्होंने असामाजिक तत्वों को आगाह करते हुए कहा कि जो लोग विधि व्यवस्था बिगाड़ते हुए पकड़े जाएंगे उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया जाएगा। थानाध्यक्ष ने न्यास समिति से पचास वॉलिंटियर की मांग की है जो विधि व्यवस्था बनाने में प्रशासन की मदद करेंगे। वॉलिंटियर को आई कार्ड बना कर दिया जाएगा। मेले में चैन स्नैचिंग की समस्या को देखते हुए उन्होंने श्रद्धालुओं से अपील की है कि आभूषण पहनकर मेले में न आएं।

न्यास समिति के सचिव सिद्धेश्वर विद्यार्थी ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि मंदिर के विकास का श्रेय अम्बे महोत्सव को जाता है। 2004 से मंदिर समिति के द्वारा अम्बे महोत्सव का आयोजन किया जा रहा था परंतु विगत एक वर्ष से सरकार ने सरकार ने महोत्सव का अधिग्रहण कर लिया। उन्होंने मंदिर परिसर में धर्मशाला, स्नानागार एवं शौचालय की समस्या के ऊपर अधिकारियों का ध्यान आकृष्ट करते हुए कहा कि मंदिर के फंड में 35 से 40 लाख रुपए हैं। परंतु जमीन के अभाव में निर्माण कार्य नहीं हो पा रहा है। इस स्थिति में सचिव ने अंचलाधिकारी से जमीन उपलब्ध कराने की बात कही। वहीं स्थानीय लोगों से अपील की हैं कि मंदिर के विकास के लिए जमीन का दान करें। दान किए हुए जमीन पर निर्मित भवन का नामकरण भूमिदाता एवं उनके पूर्वजों के नाम से किया जाएगा। भूमिदाता अगर जमीन दान नहीं करना चाहते हैं तो न्यास समिति जमीन का भुगतान करेगी। इस अवसर पर सुरेंद्र कुमार मिश्र, समाजसेवी प्रदीप पांडेय, पंचायत समिति प्रतिनिधि कंचन गुप्ता समेत सैकड़ों श्रद्धालु उपस्थित रहे।

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