
औरंगाबाद। यूरिया खाद की बढ़ते किल्लत व प्राइवेट दुकानदारों की मनमानी की सामना करते किसानों को लेकर जन अधिकार पार्टी (लोकतांत्रिक) के प्रदेश महासचिव संदीप सिंह समदर्शी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि रफीगंज में किसानों को यूरिया खाद नहीं मिल रहा है, खाद के लिए हफ्तों से विभिन्न खाद दुकानों का किसान चक्कर लगा रहे हैं। इस चिलचिलाती धूप व गर्मी के तपिश में भूखे प्यासे किसान घंटों लाइन में खड़े रहने के बावजूद भी उन्हें खाद नहीं मिल रही हैं, जिससे किसानों के बीच यह समस्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। श्री समदर्शी ने कहा कि इसका प्रभाव किसानों के फसलों पर भी देखा जा रहा है, खाद नहीं मिलने से फसलों को भी काफ़ी नुकसान पहुंच रहा हैं। किसान दलालों से उच्चे दाम पर खाद क्रम करने को मजबूर है। इन परिस्थितियों में भी खुद को लोकप्रिय सांसद, विधायक एवं जनप्रतिनिधि कहने वाले लोग इनकी समस्या को सुनना तो दूर देखने की भी जहमत नहीं उठा रहे है और पदाधिकारीयों की तो बात ही अलग है।
श्री समदर्शी ने कहा कि हाल ही में चार दिन पूर्व रात्रि में रफीगंज-शिवगंज पथ के धावा नदी के समीप प्राइवेट खाद दुकानदार रंजन कुमार कालाबाजारी करते पकड़ा गया था जिसमें किसानों के द्वारा काफ़ी हंगामा किए जाने और मौके पर पहुंची स्थानीय पुलिस प्रशासन द्वारा अब तक ब्लैकमेलरों के विरूद्ध कोई कार्रवाई नहीं हुई है जिससे गोरखधंधे में संलिप्त लोगों का हौसला बुलंद है और कालाबाजारी निरंतर जारी है। इसी सिलसिले में बुधवार को रफीगंज में शंकर खाद भंडार और अमरनाथ खाद भंडार पर लंबी किसानों की लाईन लगी थी, लेकिन बिचौलियां हाबी दिखे।
इस दौरान अमरनाथ खाद भंडार में बिचौलिया और दुकानदार गोपाल प्रसाद के मिली भगत से निर्धारित मूल्य से अधिक खाद की बोरी से अधीक साढ़े तीन और चार सौ रूपये में प्रति बोरी किसान खाद को खरीदने में मजबूर दिखे। समदर्शी ने आगे बताया कि अमरनाथ खाद भंडार के यहां से रात्रि में गया जिले के गुरुआ के रिस्तेदार के द्वारा भेजा गया है, ये दुकानदार गोरखधंधे में माहिर है। जब तक खाद कालाबाजारी करने वालों के विरुद्ध करवाई नही होगी, तब किसानों को खाद की कालाबाजारी नहीं रुकेगी। इस मामले में उन्होंने जिला पदाधिकारी सौरभ जोरवाल से पर्याप्त मात्रा में खाद मुहैया कराने एवं कालाबाजारी करने वालों के विरुद्ध कठोर दंडात्मक करवाई करने की मांग किया। ताकि किसानों को खाद की उचित मात्रा में आपूर्ति की जा सकें।