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वाहन छुड़वाने के लिए न्यायालय में फर्जी दस्तावेज किया दाखिल, आवेदक को 20 लाख रूपये मुआवजा देने का आदेश

औरंगाबाद। फर्जी दस्तावेज दाखिल कर हाइवा छुड़वाने के मामले में व्यवहार न्यायालय औरंगाबाद के एडीजे 12 वें डॉ. दिनेश कुमार प्रधान ने दिनांक 23.05.22 को बीमा कंपनी को वाहन मालिक पर प्राथमिकी दर्ज कराने का आदेश दिया था। न्यायालय ने इस वाद में निर्णय पर सुनवाई करते हुए वाहन मालिक को आदेश दिया कि मोटर दुर्घटना वाद के आवेदक को 20 लाख रूपये मुआवजा राशि दे।अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि दिनांक 29.05.15 को विराटपुर निवासी संतोष कुमार डेहरी ऑन सोन से अपने बाइक द्वारा वापस घर लौट रहे थे। इसी क्रम में तेज गति से आ रहीं हाइवा की चपेट में आने से एक पैर 65 % अपंगता की बात कही हैं। वहीं बीएचयू में इलाज़ के दौरान तीन लाख खर्च करने की बात बताई थी। ज़ेवर दुकान चलाते हुये वर्ष 2015 और 2016 में 273857 रुपये आयकर देने की बात कही थी जिसके आधार पर 21 लाख रूपये मुआवजा की दावा किया था। जिला विधिक संघ औरंगाबाद के अध्यक्ष सह बजाज एलियांज जेनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के अधिवक्ता रसिक बिहारी सिंह ने कहा कि हाइवा दुर्घटना के पुर्व मेरे कंपनी के इंश्योरेंस में था। दुर्घटना तिथि में इंश्योरेंस अवधि समाप्त थी। जो इंश्योरेंस करना वाहन मालिक का दायित्व था। इसलिए मुआवजा बीमा कंपनी नही देगी। वाहन मालिक रोहतास ज़िले के सासाराम अंतर्गत रहुलिया टोला कंचनपुर निवासी रामकृपाल सिंह को मुआवजा देने का आदेश न्यायालय ने दिया है। इस वाद में आवेदक की अन्य अधिवक्ता निवेदिता कुमारी ने भाग लिया।

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