
किसानों पर अत्याचार बर्दाश्त से बाहर: समदर्शी
एसडीएम के खिलाफ उचित कार्रवाई की किया मांग
औरंगाबाद। हरियाणा के करनाल में शनिवार को किसानों पर हुये लाठी चार्ज में एक किसान की मौत पर जन अधिकार पार्टी (लोकतांत्रिक) के प्रदेश महासचिव संदीप सिंह समदर्शी ने कहा कि सरकार के संरक्षण में अब प्रशासन भी हिटलर शाह हो गई है और निहत्थे किसानों पर लाठी-डंडे का प्रहार कर उन्हें आयोजित हत्या कर रही है, जो यह बर्दाश्त से बाहर है जिस हत्या को सरकार व अधिकारी प्राकृतिक मौत साबित करने की कोशिश कर रहे हैं, असल में वह पुलिस के लाठी-डंडों का शिकार हुआ है।
एक विडियों वायरल हो रहा रहा जिसमें आप साफ़ देख सकते हैं कि एसडीएम आयुष सिन्हा यह कहते दिखाई दे रहे हैं कि बैरिकेड के आगे कोई किसान जाए तो उसका सिर फोड़ देना। यहां से निकलने की कोशिश करे तो लठ्ठ उठा-उठा के मारना बस। मैं स्पष्ट ऑर्डर देता हूं, उसका सिर फोड़ देना। कोई डाउट नहीं है, किसी डायरेक्शन की जरूरत नहीं है। ये नाका किसी हालत में तोड़ने नहीं देंगे। पीछे और फोर्स लगी है। यहां आपको लगा रखा है शुरू में। हेलमेट पहन लो। यहां से एक बंदा भी नहीं जाना चाहिए और अगर गया तो सिर फूटा होना चाहिए उसका। श्री समदर्शी ने कहा कि यह कितना शर्म की बात है कि एक जिम्मेदार अधिकारी इस तरह की बात कर रहा है। इसके बावजूद अब तक एसडीएम पर कोई कार्यवाई न होना यह स्पष्ट करता है कि यह सब भाजपा सरकार के इशारे पर हो रहा है, जो किसी भी रूप में बर्दाश्त के लायक नहीं है। उन्होंने कहा कि हद तो तब हो गई जब एक अधिकारी को बचाने के लिए सरकार समर्थित कई अधिकारियों को झूठ का सहारा लेना पड़ रहा है। जो व्यक्ति पिछले कई दिनों से किसान आंदोलन का हिस्सा है उसे प्राकृतिक मौत का नाम दिया जा रहा है। यह बात करनाल की पुलिस महानिरीक्षक ममता सिंह ने खुद कही है कि उसकी प्राकृतिक कारणों से मृत्यु हुई है। जबकि यह हकीकत है कि मृतक किसान पुलिस के डंडो का शिकार हुआ है।