राजनीति

अनुग्रह नारायण रोड, फेसर, गुरारू समेत नबीनगर रेलवे स्टेशन पर विभिन्न गाड़ियों की ठहराव के लिए सांसद ने रेलवे मंत्री से की आग्रह, मिला आश्वासन

औरंगाबाद। औरंगाबाद व गया जिला के फेसर, अनुग्रह नारायण रोड व गुरारू रेलवे स्टेशन पर विभिन्न गाड़ियों के ठहराव को लेकर सांसद सुशील कुमार सिंह ने रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव से मुलाकात की और पंडित दीनदयाल उपाध्याय मंडल अंतर्गत गुरारू, अनुग्रह नारायण रोड एवं फेसर रेलवे स्टेशन पर पलामू एक्सप्रेस समेत विभिन्न गाड़ियों की ठहराव को लेकर लिखित मांग की है। इस दौरान सांसद ने कहा है कि अनुग्रह नारायण रोड पर गाड़ी संख्या 02312-11, 02988-87, 02938-37, 02254-53, 02815-16, 03167-68, 08639-40, 05022-21 की ठहराव की जाए। फेसर स्टेशन पर 03010-09, 03152-51 वहीं गुरारू स्टेशन पर 03350 -49 इन ट्रेनों का ठहराव की जाए। अनुग्रह नारायण रोड स्टेशन पर इन गाड़ियों का ठहराव नहीं होने से यहां के यात्रियों को 100 किलोमीटर दूर गया जाकर ट्रेन पकड़ना पड़ता है। सांसद ने आग्रह पूर्वक कहा है कि पलामू एक्सप्रेस का ठहराव गुरारू व अनुग्रह नारायण रोड रेलवे स्टेशन के अलावा फेसर स्टेशन पर की जाए। साथ ही उन्होंने कहा कि पत्र में वर्णित विभिन्न ट्रेनों का ठहराव करने का आदेश अविलंब जारी करने का कृपा करें। इसके अलावा नबीनगर रोड स्टेशन पर गाड़ी संख्या 08635-36 (सासाराम रांची फास्ट इंटरसिटी एक्सप्रेस) का ठहराव की जाए। ताकि आस-पास या दूर दराज से आने वाले लोगों को सहूलियत हो। नबीनगर में दो-दो पावर प्लांट बीआरबीसीएल एवं एनपीजीसी स्थापित है, जहां पर बिहार, उत्तर प्रदेश एवं झारखंड समेत कई अन्य राज्यों से कामगार एवं मजदूर काम करने आते हैं और दोनों पावर प्लांट में जाने का एकमात्र रेलवे स्टेशन नबीनगर रोड ही है। इस ट्रेन का ठहराव नहीं होने से कामगार, मजदूरों व स्थानीय लोगों को काफ़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। वहीं सांसद ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय मंडल के अंतर्गत अंतरराष्ट्रीय स्थानों में से एक गया जंक्शन से गया – नई दिल्ली के बीच दुरंतो रेल सेवा प्रारंभ करने के विषय में भी रेलवे मंत्री का ध्यान आकृष्ट कराया है। सांसद ने कहा कि यह सर्वविदित है कि गया ज्ञान और मोक्ष की भूमि रही है यहां स्थित विष्णुपद मंदिर का हिंदू धर्म में तथा महाबोधि मंदिर का बौद्ध धर्म में अति विशिष्ट स्थान है। बिहार व झारखंड के अनेक दार्शनिक, ऐतिहासिक सांस्कृतिक वह धार्मिक स्थल राजगीर नालन्दा, पावापुरी, पारसनाथ गया को जोड़ती है जबकि कोविड-19 महामारी से पूर्व बड़ी संख्या में देश-विदेश के सैलानी यहां आया करते थे। गया बिहार के प्रमुख शहरों में से एक है जिसकी काफी सघन आबादी है जबकि मूलभूत सुविधाएं नहीं होने के कारण यहां के लोगों को शिक्षा, चिकित्सा एवं रोजगार के लिए देश की राजधानी नई दिल्ली या अन्य जगहों की यात्रा पड़ती है। आने वाले त्यौहार विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेला, दशहरा, दिपावाली, छठ सहित अन्य त्योहारों में ट्रेन में सिटे उपलब्ध नहीं होने के कारण लोगों की मांग और परेशानी बढ़ जाती है। सांसद ने इन मामलों में जल्द विचार कर संबंधित ट्रेनें शुरू करने की आग्रह किया है और अंत में कहा कि गया जंक्शन से गया- नई दिल्ली के बीच दुरंतो रेल सेवा प्रारंभ करने की उचित निर्देश देने का कष्ट करें।

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