क्राइम

क्लेम मैनेजर और उनके टीम की मेहनत लायी रंग, आखिरकार पकड़ा गया खुद की गाड़ी चोर करवाने वाला मास्टरमाइंड

औरंगाबाद। नगर थाना में एक चौंकाने वाला मामले का खुलासा किया गया है। खुद की गाड़ी चोरी करवाने वाले सख्स की खुल गई भेद। पकड़ी गई बड़े जालसाज की चोरी। दरअसल इसकी हकीकत तब सामने आई जब श्रीराम जनरल इंश्योरेंस कंपनी के क्लेम मैनेजर शिवनारायण एवं उनके टीम को मिली जानकारी के मुताबिक वे नगर थाना पहुंचे और थानाध्यक्ष अंजनी कुमार से पूर्व में चोरी हुई महिंद्रा टीयूवी 300 के बारे में तहकीकात करने की बात कहीं तो उन्होंने कहा कि गाड़ी की लोकेशन बताइए तो हमारी ओर से जांच पड़ताल की जाएगी। तभी क्लेम मैनेजर की नजर थाना में खड़ी उस गाड़ी पर पड़ी जिसका उन्होंने थानाध्यक्ष से चेचिस नंबर जांच करने की बात कही। जब उस गाड़ी की जांच की गई तो पता चला कि जिस गाड़ी की वे काफ़ी दिनों से खोज कर रहे हैं वह गाड़ी यही है।
थानाध्यक्ष ने बताया कि यह गाड़ी पिछले लगभग 3 महीने से यहां खड़ी है जिसका रजिस्ट्रेशन नंबर नहीं होने के कारण थाना क्षेत्र के जयप्रकाश नगर कर्मा रोड से लावारिस अवस्था में पड़े होने के कारण थाना लाया गया था। थानाध्यक्ष ने बताया कि इस गाड़ी का मूल ऑनर रफीगंज थाना के खंडवां गांव निवासी अर्जुन सिंह का पुत्र विक्रम कुमार है। उसने इस मामले में आवेदन देकर कहा है कि सनशाइन कंपनी के डीलर से अच्छे संबंध होने के कारण उन्होंने गाड़ी मुझे बिना नंबर प्लेट के ही दे दी थी। उसने बताया कि हमारी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी जिसके कारण तब मैं गाड़ी का रजिस्ट्रेशन नहीं करा पाया और इसी क्रम में हमारी खड़ी गाड़ी को लावारिस समझकर थाना के पुलिस द्वारा यहां लाया गया है। उसने इस मामले में अपनी गाड़ी छुड़वाने को लेकर आवेदन दिया है जिसकी जांच पड़ताल की जा रही है। क्लेम मैनेजर ने बताया कि यह मामला सरासर गलत है। विक्रम कुमार गया एयरपोर्ट के पास कार की एक रीनॉल्ट कंपनी में कर्मी के तौर पर कार्यरत है। उसने श्रीराम जनरल इंश्योरेंस कंपनी के साथ बहुत बड़ी फ्रॉड की है। पहले उसने अपनी गाड़ी खुद चोरी करवाई और बाद में चोरी होने का नाटक किया। उसने अपनी गाड़ी जयप्रकाश नगर के कर्मा रोड में खड़ी कर दी थी जिसे पुलिस ने लावारिस समझकर थाना लाई थी।
वास्तव में वह 2018 में औरंगाबाद सनशाइन से गाड़ी खरीदी थी जो की इसके बाद अपनी गाड़ी चोरी होने की सूचना गया मगध मेडिकल थाना को दिया था। सूचना के आधार पर 14 सितंबर 2020 को थाना कांड संख्या 182/20 के तहत मामला दर्ज किया गया था। इसके बाद उसने गाड़ी चोरी होने की सूचना व एफ आई आर कॉपी श्रीराम जनरल इंश्योरेंस कंपनी को उपलब्ध करायी। कंपनी द्वारा जांच के उपरांत विक्रम सिंह को 8 लाख रूपये हर्जाने के तौर पर वापस कर दी। क्लेम मैनेजर ने बताया कि जालसाज को पैसे जब वापस मिल गये तो उसने एक और चाल चली और सनशाइन मोटर कंपनी से संपर्क किया और अपनी गाड़ी की रजिस्ट्रेशन नंबर काफी दिनों से ना मिलने की बात बतायी। कंपनी वाले ने जब गाड़ी की जांच पड़ताल की तो उसने पाया कि गाड़ी ब्लैक लिस्टेड है जिसकी इसकी सूचना श्रीराम जनरल इंश्योरेंस कंपनी को दी। क्लेम मैनेजर ने बताया कि इसी सिलसिले में मैं काफी दिन से छानबीन करते नगर थाना पहुंचा हूं जिसमें फिलहाल गाड़ी की पहचान कर ली गई है। इस मामले श्रीराम जनरल इंश्योरेंस कंपनी ने फर्जीवाड़ा करने वाले विक्रम कुमार के विरुद्ध उचित कानूनी कार्रवाई की मांग की गई। थानाध्यक्ष ने बताया कि मामले में छानबीन कर संबंधित थाना को आरोपी के संबंध में सूचित कर दी जाएगी।

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