क्राइम

रफीगंज में धड़ल्ले से हो रही है यूरिया की कालाबाजरी: समदर्शी

प्रोपराइटर पर समदर्शी ने किया कानूनी कार्रवाई की मांग 

तीन और साढ़े तीन सौ रुपये यूरिया खाध खरीदने पर मजबूर 

औरंगाबाद। कृषि विभाग के अफसरों व कर्मचारियों की मिलीभगत के चलते जिले में इस समय यूरिया की जमकर कालाबाजारी हो रही है। इसी सिलसिले में रफीगंज – शिवगंज पथ में धावा नदी के समीप निर्धारित मूल्य से अधिक दाम पर उर्वरक कालाबाजारी का मामला प्रकाश में आया है। इस घटना की सूचना पर पहुंचे जन अधिकार पार्टी (लोकतांत्रिक) के प्रदेश महासचिव संदीप सिंह समदर्शी ने कहा है कि ओम शांति खाद्य भंडार के विक्रेता राजू कुमार एवं शंकर खाध भंडार के विक्रेता रंजन कुमार पर कड़ी कार्रवाई की मांग किया है। श्री समदर्शी ने कहा कि आखिर किसके सहयोग से इतने सारे खाद के बोरा प्रोपराइटर के पास आये। इस मामले में इनका कौन सहायक है उन पर भी कार्यवाई की जानी चाहिए। श्री समदर्शी ने कहा कि ऐसे लोगों की वजह से किसान उर्वरक की किल्लत का सामना कर रहे है और किसान सौ से दो सौ रुपये अधिक दाम देकर खाद खरीदने को मजबूर है। इसके बावजूद अधिकारी गंभीर नहीं हैं। यूरिया का प्रत्येक बोरा सरकार के द्वारा 266 रूपये निर्धारित किया गया है जबकि गुरुवार को रात्रि 10 बजें के करीब खाद विक्रेताओं द्वारा किसानों को 350 रुपये प्रत्येक बोरा बेचा जा रहा था जिसकों किसानों ने विरोध किया और इसकी सूचना प्रखण्ड कृषि पदाधिकारी को दी है और उचित कार्यवाई की मांग की है। श्री समदर्शी ने कहा कि स्थिति यह है कि इस समय नकली खाद की भी धड़ल्ले से सप्लाई हो रही है। खाद के लिए किसानों में हाहाकार मचा है। किसान जिले की समितियों के चक्कर काट रहे हैं लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नहीं है। जबकि किसानों को सरकार द्वारा निर्धारित मूल्य पर उर्वरक की उपलब्धता व आपूर्ति सुनिश्चित कराया जाना चाहिए। ये दोनों खाध भंडार के मालिक सगे भाई है। दोनों विक्रेता की शिकायत स्थानीय पदाधिकारियों को देते रहे हैं, फिर भी करवाई शून्य है। प्रखण्ड कृषि पदाधिकारी द्वारा 26 अगस्त को शिकायत मिलने पर स्पष्टीकरण पूछा गया था, फिर भी खाध विक्रेता लगातार कानून का उल्लंघन किया जा रहा है। समदर्शी ने इस मामले में जिला पदाधिकारी एवं जिला कृषि पदाधिकारी से निर्धारित मूल्य से अधिक मूल्य पर उर्वरक की बिक्री किए जाने व कालाबाजारी करने वाले उर्वरक विक्रेता के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए उनकी अनुज्ञप्ति रद्द करने का मांग की है।

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