
औरंगाबाद। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष स्व. बी.पी.मंडल की जयंती शहर के सिन्हा कॉलेज मोड़ स्थित मनाई गयी। बी.पी. मंडल समाज के वंचितों और गरीबों की आवाज थे। उनके द्वारा पिछड़ों के लिए किया गया कार्य आज भी प्रासंगिक है। इस अवसर पर जिला पार्षद शंकर यादवेन्दू, जिला पार्षद अनिल यादव, पूर्व जिलाध्यक्ष कालेश्वर यादव, अनिल टाईगर, मुखिया संजय यादव सहित कई अन्य मौजूद थे। शंकर यादवेन्दू ने कहा कि आज पूरे देशभर में बीपी मंडल की जयंती मनाई जा रही है। इस मौके पर हम सभी उन्हें याद कर भाव भिनी श्रद्धांजलि अर्पित करते है। आज बी.पी.मंडल की जयंती पर देश में मंडल के विचारों को अपनाने की जरूरत है। केंद्र सरकार जातीय जनगणना कराने पर विचार करें। बीपी मंडल के द्वारा पिछड़ा वर्ग के उत्थान के लिए किए गए प्रयासों की आज भी सराहना की जाती है। देश में 7 अगस्त 1990 को मंडल आयोग की सिफारिशें लागू की गईं। वे देश में पिछड़ों के मसीहा के तौर पर बिहार के मधेपुरा जिले के रहने वाले बीपी मंडल जाने जाते हैं। कालेश्वर यादव ने कहा कि उनके प्रयासों की वजह से केंद्र सरकार की नौकरियों और केंद्रीय शिक्षा संस्थानों के दाखिलों में पिछड़े वर्गों को 27 परसेंट रिज़र्वेशन मिलने का रास्ता साफ हुआ। अनिल यादव ने कहा कि बिहार के पूर्व सीएम और मंडल आयोग के अध्यक्ष बीपी मंडल को पिछड़ा वर्ग के आइकन के रूप में याद किया जाता है। बीपी मंडल को मंडल कमीशन की सिफारिशों को लागू करने का एक बड़ा नायक माना गया है। संजय यादव ने कहा कि मंडल आयोग की रिपोर्ट की वजह से बीपी मंडल ने वह मकाम हासिल कर लिया जिसकी वजह से देश की राजनीति में अलग पहचान बन गई। मंडल आयोग की रिपोर्ट को लागू कर तत्कालीन प्रधानमंत्री वीपी सिंह ने लागू किया था, जिसके बाद पिछड़ों को बड़ा हक़ मिला।
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