
मगध हेडलाइंस: औरंगाबाद। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज बिहार के औरंगाबाद जिले के बारूण और नवीनगर प्रखंड की सीमा पर स्थापित एनटीपीसी लिमिटेड की नबीनगर सुपर थर्मल पावर स्टेशन के स्टेज 2 के तहत विस्तार परियोजना का रोहतास जिले के बिक्रमगंज से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शिलान्यास किया। इसके तहत आठ – आठ सौ मेगावाट की तीन इकाइयां स्थापित की जाएगी यानी स्टेज 2 के तहत 2400 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा। इस परियोजना की वर्तमान बिजली उत्पादन क्षमता 1980 मेगावाट से बढ़कर 4380 मेगावाट हो जाएगी और यह देश का दूसरा सबसे बड़ा बिजली संयंत्र होगा। इसके निर्माण पर 29948 करोड रूपये की लागत आयेगी। इसकी पहली इकाई से वर्ष 2029 के फरवरी माह में बिजली उत्पादन शुरू हो जाएगा। इससे बिहार को 1500 मेगावाट बिजली मिलेगी जबकि शेष 900 मेगावाट बिजली गुजरात झारखंड और अन्य राज्यों को दी जाएगी। इस परियोजना के बनने से दक्षिण बिहार में रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे तथा उद्योग और व्यापार को बढ़ावा मिलेगा। विदित हो कि पीएम ने बिक्रमगंज के दुर्गाडीह मैदान से 48,000 करोड़ रुपए से ज्यादा की परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया। अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि यह प्रोजेक्ट देश और प्रदेश के विकास में सहायक होगा। इससे स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा। कारीगरों की संख्या बढ़ेगी। आसपास के लोगों को भी काम मिलेगा। यह सिर्फ एक परियोजना नहीं, बल्कि देश के तेज विकास की दिशा में बड़ा कदम है। जब परियोजना लगेगी तो कर्मियों की संख्या बढ़ेगी। एनटीपीसी में आयोजित कार्यक्रम में नबीनगर विधायक विजय कुमार सिंह उर्फ डब्लू सिंह, जिलाधिकारी श्रीकांत शास्त्री, एनटीपीसी के महाप्रबंधक केडी यादव सहित अन्य एनटीपीसी के अधिकारी मौजूद रहे। विधायक डब्लू सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने नबीनगर को बड़ी सौगात दी है। यहां के किसानों ने अपनी जमीन देकर इस परियोजना को संभव बनाया है। कुछ किसान घायल भी हुए, फिर भी उन्होंने विकास के लिए जमीन दी। यह त्याग सराहनीय है। किसानों ने जीविका का साधन खोकर देश के विकास में योगदान दिया है। यह परियोजना किसानों के बलिदान और प्रधानमंत्री की दूरदर्शिता का परिणाम है। महाप्रबंधक केडी यादव ने कहा कि यह परियोजना साढ़े चार से पांच साल में पूरी होगी। इसके बाद बिजली उत्पादन शुरू होगा। इससे बिहार की बिजली क्षमता में इजाफा होगा। प्रथम यूनिट से 800 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा। इसके 6-6 महीने के अंतराल पर स्टेज 2 की दूसरी और तीसरी यूनिट से भी बिजली उत्पादन शुरू हो जाएगा। स्टेज 2 की तीनों ही यूनिट में कोयले के साथ थी बायो पैलेट्स का उपयोग होगा। स्टेज 2 के प्रथम यूनिट से अगस्त 2029 तक विद्युत उत्पादन शुरू हो जाएगा। इस परियोजना से बिहार के साथ राजस्थान, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और पंजाब को भी सस्ती और भरोसेमंद बिजली मिलेगी। इससे स्थानीय समुदायों, उद्योगों और व्यवसायों की ऊर्जा जरूरतें पूरी होंगी। क्षेत्र में आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा। नबीनगर पावर स्टेशन के स्टेज वन की 660-660 मेगावाट की तीन चालू इकाइयों से 1980 मेगावाट बिजली प्रोडक्शन हो रहा है। इसमें बिहार की हिस्सेदारी 82.5 फीसदी यानि 1634 मेगावाट की है। स्टेज 2 के पूरा होने के बाद बिहार बिजली के क्षेत्र में आत्मनिर्भर हो जाएगा। कंपनी के अधिकारियों ने बताया कि एनटीपीसी लिमिटेड देश की सबसे बड़ी एकीकृत विद्युत उत्पादन कंपनी है। यह देश की कुल बिजली जरूरत का एक-चौथाई हिस्सा पूरा करती है। कंपनी की मौजूदा स्थापित क्षमता 80 गीगावाट से ज्यादा है। 32 गीगावॉट की अतिरिक्त क्षमता निर्माणाधीन है। इसमें 13 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा शामिल है।





