
नेता-पदाधिकारी गठजोड़ के संरक्षण से सूबे में फल फूल रहा अवैध और जहरीली शराब का धंधा : समदर्शी
औरंगाबाद। बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में जहरीली शराब पीने से शनिवार तक आठ लोगों की मौत हो चुकी है। नीतीश सरकार ने शराबबंदी को लेकर राज्य में कड़े कानून केवल कागज पर बना रखे हैं, जबकि नेता, पदाधिकारी और शराब माफिया के गठजोड़ से शराब की तस्करी धड़ल्ले से हो रही है। उक्त बातें जन अधिकार पार्टी (लोकतांत्रिक) के प्रदेश महासचिव सह किसान प्रकोष्ठ प्रभारी बिहार संदीप सिंह समदर्शी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है। आगे उन्होंने कहा कि पुलिस अवैध शराब को सूबे लगातार बरामद भी रही है, लेकिन स्थानीय स्तर पर पन्नपे जहरीली और नकली शराब पर लगाम लगाने में विफल हो रही है। जबकि 2021 में अभी जहरीली शराब पीने से लगभग एक सैकड़ा से भी लोगों की मौत हो चुकी है। मुजफ्फरपुर, सिवान, वैशाली और नवादा इसका ताजा उदाहरण है। नवादा शहरी इलाके में होली के दौरान कथित जहरीली शराब पीने से लगभग दो दर्जन लोगों की मौत हो गई थी और लगभग आधा दर्जन लोगों के आंखों की रोशनी चली गयी थी। नवादा पुलिस नकली शराब पीने से हुई मौत की पुष्टि कर चुकी है। विगत दिनों सीवान जिले के गुठनी थाना क्षेत्र में शराब पीने से छह लोगों की मौत को लोग भुला भी नही सके कि मुजफ्फरपुर में जहरीली शराब ने आठ लोगों को निगल लिया। इसके अलावा अक्टूबर के महीने में ही वैशाली में जहरीली शराब से एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। आखिर इतनी मौते के बाद भी सरकार नकली और उत्तर प्रदेश, दिल्ली, झारखंड और बंगाल सहित अन्य राज्यों से लगातार हो रही डेलिवरी को क्यों नही रोक पा रही है, यदि सरकार रोकने में विफल हो रही है तो आखिर शराब माफियाओं को संरक्षण कौन दे रहा है? मेरा सीधा आरोप है कि सरकार के नेता – पदाधिकारी गठजोड़ शराब माफियाओं को संरक्षण दे रहा है। हम सरकार से मांग करते हैं कि चरणवध तरीके से करवाई कर जहरीली और नकली शराब पर रोक लगाए, ताकि मौते रुक सके।