विविध

खेल में हार-जीत दोनों का होता है महत्व

मो. फखरुद्दीन

औरंगाबाद। मुस्लिम समुदाय का महत्वपूर्ण त्योहार मोहर्रम सादगी व शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न हुआ। सरकार के दिशा निर्देशानुसार पर कोविड-19 के गाइडलाइन का पालन किया गया। इस दौरान ताजिया जुलूस नहीं निकाला गया लेकिन एक निश्चित स्थानों पर रख कर त्योहार मनाया गया। मोहर्रम के दो दिन बाद नबीनगर प्रखंड के टंडवा पंचायत स्थित शेखपुरा गांव में खेल का आयोजन किया गया जिसमें गांव कुछ लोगों ने भाग लिया और कमेटी के आदेशानुसार खिलाड़ियों ने खेल का प्रदेशन किया। इस दौरान डंडा, तलवार, बरछा, भाला सहित कई कई कठिन खेल खेले गये। खेल के अंत में पहले स्थान पर रहे जनाब सफी अहमद को बेहतर प्रदर्शन के लिए पुरस्कृत किया गया। दूसरे स्थान पर अब्दुल सत्तार जबकि तीसरे स्थान पर नौजवान कमेटी सदस्य को मेडल और कप देकर पुरस्कृत किया गया। अब्दुल क्यूम अंसारी ने बताया कि खेल को खेल की भावना से खेलना और खेल में हार-जीत दोनों का महत्व होता है। ऐसे में जीते को आगे बढ़ने के लिए मेहनत करना और हारे तो भविष्य की जीत के लिए मेहनत करना चाहिए। इस मौके पर हाफिज साबिर रजा, इम्तेयाज, जलील, असलम, तौकीर, सलाहूदिन, शहादत, इज़हार, नेयाज, राहुल आदि लोग शामिल थे।

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