राम विनय सिंह
औरंगाबाद। उपहारा थानाक्षेत्र के गोरकट्टी गांव निवासी दरोगा 53 वर्षीय जितेंद्र पासवान की मौत ड्यूटी के दौरान अचानक तबियत बिगड़ने से अनुमंडलीय अस्पताल बगहा में इलाज के दौरान हो गई। मौत की खबर मिलते ही घर मे कोहराम मच गया। बताया जाता है कि एसआई जितेंद्र पासवान पश्चिम चंपारण जिले के बगहा पुलिस जिला के पटखौली थाना में कार्यरत 53 वर्षीय एसआई जितेंद्र पासवान शनिवार की शाम पुलिस गस्ती में थे की अचानक तबीयत बिगड़नेे लगी, साथ में रहे पुलिस के सहयोग से उन्हें अनुमंडलीय अस्पताल बगहा में भर्ती कराया गया जहां रविवार की अहले सुबह 4:00 बजे इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। अनुमंडलीय अस्पताल के चिकित्सक डॉ विजय कुमार ने बताया कि जब उन्हें पुलिस कर्मी के सहयोग से अस्पताल लाया गया उस समय उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही थी जिसके कारण ऑक्सीजन दिया गया था। लेकिन उनकी मौत हो गई।
मौत की खबर मिलते ही घर में मचा कोहराम
दरोगा की मौत की खबर जैसे ही रविवार की सुबह परिजनों को मिली घर में कोहराम मच गया सभी लोग अपने अपने मोबाइल से जानकारी लेने में जुट गए। मृतक की पत्नी कुंती देवी पुत्र धर्मेंद्र कुमार, बहु बिना देबी पुत्र ब्रजेश कुमार बहु निगम कुमारी पुत्र राकेश कुमार, धर्मेश कुमार के साथ पंजोल सोनाली, पुत्री रंजू कुमारी खुसबू, अंजनी, राधिका, संजू खुसी, चिंता देवी, सत्यवंती देवी, सरिता देवी, निर्मला कुमारी, बिकास, प्रकाश, आकाश, निरंजन, रविरंजन, राहुल, शनि, रविराज व मृतक के भाई युगेन्द्र पासवान,डॉ कामता पासवान, डॉ बीतेंद्र पासवान व रमेश कुमार व पिता गनौरी पासवान का रोते रोते हाल बेहाल है।रिश्तेदार ढाढ़स बंधाने में जुटे हुए है।
15 दिन पूर्व ही छुट्टी पर आए थे घर
दरोगा जितेंद्र 4 अगस्त को घर आये थे। हालांकि आने के दौरान वे 25 हजार रुपये लेकर लौट रहे थे कि पटना स्टेशन पर पॉकेटमारों ने उनकी 25 हजार रुपये लेकर चम्पत हो गया। उसके बाद वे किसी तरह जैसे तैसे अपने घर पहुंचे। इस दौरान उन्होंने 9 अगस्त तक अपने परिजनों के साथ हंसी-खुशी अपने घर पर रहे और 9 अगस्त को ही पटखौली थाना पहुंच कर अपनी जिमेवारी सम्भाली थी और 22 अगस्त की अचानक मोत हो गई।
पुलिस की मौजूदगी में हुई अंतिम संस्कार
दरोगा जितेंद्र का शव का अंतिम संस्कार उपहारा पुलिस की मौजूदगी में पुनपुन नदी घाट पर हिन्दू रीति रिवाज के साथ किया गया। इस दौरान उपस्थित लोगों में उपहारा थानाध्यक्ष रामराज सिंह के साथ समाजसेवी डॉ महेंद्र रजक, सरपंच प्रतिनिधि लखन पासवान के साथ दर्जनों लोग अंतिम संस्कार में शामिल हुए।