(मिथिलेश कुमार)
मगध हेडलाइंस: अम्बा (औरंगाबाद)। रमण बिहारी नर नारायण गौ सेवा ट्रस्ट (वृंदावन धाम) के तत्वाधान में कुटुंबा गोवास स्थित श्री बुढ़वा महादेव मंदिर प्रांगण में मंगलवार की रात्रि संगीतमयी श्री शिव महापुराण कथा की अमृत वर्षा के चतुर्थ दिवस पर पगड़ी वाले बाबा जी ने बताया कि नारायण के पुत्र ब्रह्मा, ब्रह्मा के पुत्र वशिष्ठ, वशिष्ठ के पुत्र शक्ति, शक्ति के पुत्र पराशर और पराशर के पुत्र महामुनि वेदव्यास जी हुए जिन्होंने ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद, अथर्व वेद की रचना की। परंतु वेदों की भाषा इतनी कठिन थी लोग समझ नहीं पाते थे और उसके अंदर अर्थ को अनर्थ कर देते थे।
इसलिए वेदव्यास भगवान ने 17 पुराण की रचना की और 18000 श्लोको के साथ संपूर्ण भागवत की रचना की जिसका प्रचार प्रसार आज के कलि काल में भी पगड़ी वाले बाबा जी जैसे संत जन जन में पहुंचा रहे हैं। इसलिए जहां-जहां भी भगवत का प्रचार-प्रसार हो रहा है वातावरण भक्तिमय बनता चला जा रहा है और हिंदुओं में जागृति हो रही है। लोग सनातन को लोग समझ रहे हैं और धर्म का ध्वजा पूरे सम्मान के साथ लहरा रहा है।