अनिल कुमार
औरंगाबाद। कठिन परिस्थितियों से लड़कर समाज में एक प्रतिष्ठित स्थान प्राप्त करने वाली महिला निवर्तमान ज़िला पार्षद अध्यक्षा नीतू सिंह पंडित दीनदयाल उपाध्याय पुरस्कार से की जा चुकी हैं सम्मानित। यह सफ़र इतना आसान नहीं था। तमाम बंदिशों को तोड़कर और समाज के तानों को दरकिनार कर ज़िला पार्षद अध्यक्षा ने एक लंबा संघर्ष का सफ़र तय किया है। शुक्रवार को उन्होंने बिहार पंचायत चुनाव के चौथे चरण के होने वाले चुनाव में ज़िला परिषद क्षेत्र संख्या 08 से नामजदगी का पर्चा दाखिल किया। इस दौरान औरंगाबाद अनुमंडल कार्यालय में उनके पति डॉ. संजय यादव व सैंकड़ों समर्थक की भीड़ उमड़ी हुई थी। वहीं, हालांकि नामांकन प्रक्रिया थोड़ी विलंब से शुरू किया गया। लेकिन नामांकन के बाद रफीगंज में जगह-जगह समर्थक जुलूस की शक्ल में नारेबाजी करते भी नजर आए।https://youtu.be/fUiXFOOsz1w
नीतू सिंह लोगों से न दया चाहती हैं और न सहानुभूति। वे अपने संघर्ष के बदले सम्मान तथा अधिकार चाहती हैं। वे ना तो, राजनीतिक चुनौतियों से डरती हैं, ना विरोधीयों से, और न कभी परिस्थितियों के सामने झुकती हैं। वे प्रकृति प्रदत्त हर परिस्थिति से लड़ी हैं, और दुगने साहस और विश्वास के साथ कुशलता से अपने राजनीतिक जिम्मेदारियों को पूरा करती है। प्रत्याशी ने कहा कि जनता की सेवा करना उनका धर्म है। चुनाव जीतने के बाद अधूरे कार्यों को पुरी करूंगी। जनता के सुख-दु:ख की घड़ी में साथ खड़ी रहूंगी। हमारा उदेश्य राजनिति नहीं बल्कि जनता सेवा करना है। कहा कि विकास की रफ्तार एवं समाज सेवा की भावना को कभी कम नहीं होने देंगे। हमने विकास किया है और विकास को प्राथमिकता देगें। मुझे पुरा भरोसा है जनता एक बार मुझे फिर मौके देगी। सभी वर्गों के विकास के लिए कृत संकल्पित हूँ। उनके उत्थान के लिए बैंक से आर्थिक मदद तथा यथा संभव मदद के लिए प्रयास रत रहूंगी। चुनाव जीतने के बाद हम उन तमाम वादों को पुरी करूंगी, जो जनहित में जरुरी है। मेरा उदेश्य राजनिति करना नहीं है बल्कि जनता और समाज की सेवा करना है, जिस कार्य को पिछले 15 सालों में पुरी नहीं की गई, उसे हमने पांच साल में पूरी की है।