
औरंगाबाद। देव प्रखंड स्थित सहदेव चौधरी पुस्तकालय के सभागार में जनेश्वर विकास केंद्र के तत्वावधान में हिंदी सप्ताह कार्यक्रम के अंतर्गत हिंदी दिवस धूमधाम से मनाया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रसिद्ध समाजसेवी विश्वनाथ राय ने की। हिंदी दिवस के अवसर पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। “आजादी के बाद भी हिंदी को अपेक्षित महत्व नहीं: कारण और निवारण” विषयक संगोष्ठी में वक्ताओं ने कहा कि वर्तमान परिदृश्य में हिंदी भाषा को जितना महत्व मिलना चाहिए था उतना अपेक्षित महत्व नहीं मिल सका। इस परिस्थिति में हिंदी भाषा को रोजगार की भाषा बनाने के लिए सभी को मिलजुल कर क्रांतिकारी कदम उठाना होगा। यह भी कहा कि विभिन्न निजी विद्यालयों में अंग्रेजी माध्यम के जगह पर हिंदी माध्यम का प्रयोग किया जाना चाहिए। प्रशासनिक कार्यालयों में ज्यादा से ज्यादा हिंदी भाषा का उपयोग किया जाना चाहिए। प्रमुख प्रतियोगी परीक्षाओं का पाठ्यक्रम हिंदी भाषा में रूपांतरित किया जाना चाहिए। संस्था के सचिव सिद्धेश्वर विद्यार्थी ने कहा कि हिंदी सप्ताह कार्यक्रम के अंतर्गत इस कार्यक्रम को आयोजित किया गया है।साथ ही साथ हिंदी भाषा में विशेष योगदान देने वाले साहित्य सेवियो को सम्मानित भी किया गया। इस क्रम में साहित्य सेवी विश्वनाथ राय, सेवानिवृत्त शिक्षक नेमन मेहता, साहित्यकार मोहम्मद मुर्तजा, मोहम्मद मुस्ताक अहमद, स्थानीय शिशु मंदिर के प्रधानाध्यापक ज्ञानेश पांडेय, रविरंजन प्रकाश, प्रदीप सिंह, चंद्रदीप सिंह को सम्मानित किया गया। आज के समारोह में महाराणा प्रताप सेवा संस्थान के पूर्व सचिव अनिल कुमार सिंह, धनंजय कुमार, रामाश्रय पांडेय संजय कुमार सिंह, समाजसेवी रामजी सिंह, मीडिया प्रभारी सुरेश विद्यार्थी सहित अन्य उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन अधिवक्ता यसवंत कुमार सिंह ने किया। निबंध प्रतियोगिता में भाग लेने वाले विद्यार्थियों को पारितोषिक देकर पुरस्कृत किया गया।
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