
औरंगाबाद। आज़दी के 75 वें वर्ष अमृत महोत्सव के अवसर पर शनिवार को औरंगाबाद में आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल नौ न्यायिक बेंचों का गठन किया गया है ताकि पक्षकारों के बीच आपसी सहमति से सौकड़ों मामलों का ऑन द स्पॉट निष्पादन जा सके। इस दौरान सात व्यवहार न्यायालय औरंगाबाद में जबकि दो अनुमंडलीय व्यवहार न्यायालय दाउदनगर परिसर में न्यायिक बेचों का गठन किया गया। इस मौके पर प्रभारी जज सह जिला विधिक सेवा प्राधिकार के अध्यक्ष एडीजे वन ओमप्रकाश सिंह, प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय रामलाल शर्मा, जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव प्रणव शंकर एवं अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी सौरभ सिंह ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर राष्ट्रीय लोक अदालत का विधिवत उद्घाटन किया। इस उद्घाटन समारोह में न्यायिक पदाधिकारीगण, अधिवक्तागण, बैंक कर्मी तथा अन्य विभाग के पदाधिकारीगण उपस्थित थे। इस लोक अदालत में आए कई प्रकरणों में पक्षकारों की मदद से विभिन्न वादों का आपसी सहमति से ऑन द स्पॉट न्याय मिलने से लोगों को न्यायालय के प्रति आस्था बढ़ी है। इसे सफल आयोजन हेतु नौ बेचों का गठन किया गया। ताकि मामलों के निष्पादन में किसी प्रकार की कठिनाई नहीं हो। प्रत्येक बेंच में एक न्यायिक अधिकारी और एक सदस्य शामिल रहे। ओमप्रकाश सिंह ने बताया कि लोक अदालत के प्रति लोगों की आस्था बढ़ी है। इसी के मद्देनजर औरंगाबाद व्यवहार न्यायालय परिसर में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। इसके तहत सस्ता, सुलभ व त्वरित न्याय पक्षकारों को मिलता है जिससे समय व धन की बचत होती है। यह लोक अदालत देश भर में आयोजित किया गया है और सुलहनीय वादों से संबंधीत मामलों का ऑन द स्पॉट निष्पादन जाएगा। प्रणव शंकर ने बताया कि हमारा प्रयास है कि पहले के अपेक्षा इस बार 25 से 50% अधिक वादों का निष्पादन किया जा सके और हम उस पर खरे उतरते का भरसक प्रयास करेंगे। इस दौरान दांडिक शमनिय अपराध, चेक अनादरन के मामले, बैंक ऋण संबंधी मामले, मोटरयान दुर्घटना संबंधी मामले, विवाहित मामले, श्रम विभाग, भूमि अधिग्रहण, बिजली पानी के सम्मानीय मामलों के अतिरिक्त अन्य सिविल मामलों में राजीनामा योग्य मामलों को लोक अदालत की भावना से पक्षकारों के मध्य जरिए राजीनामा निस्तारण का प्रयास किया गया। इस अवसर पर अधिवक्ता अभिनंदन एवं मिडीया प्रभारी सतीश कुमार स्नेही सहित कई अन्य अधिवक्ता भी मौजूद थे।
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