क्राइम

बिहार पुलिस सप्ताह की खुली पोल, न्याय को लेकर दर-दर भटकती पीड़ित महिला, डेढ़ सप्ताह बाद भी मामले में नहीं हुई कोई कार्रवाई

कलयुगी बहू-बेटे ने मां को पीटा, जबरन स्टांप पेपर पर लगवाया अंगूठा, 45 हजार नगद व सोने की चैन छिना  

मगध हेडलाइंस: औरंगाबाद। राज्य मुख्यालय के निर्देश पर एक ओर जहां आम जनों की समस्याओं की समाधान को लेकर प्रदेश भर में बिहार पुलिस सप्ताह के तहत जन जागरूकता यथा पुलिस व आम जनों के बीच के संबंधों को मजबूत करने के लिए अभियान चलाया जा रहा हैं। वहीं दूसरी ओर करीब डेढ़ सप्ताह से न्याय एवं आत्मरक्षा की गुहार लगा रही एक पीड़ित महिला दर- दर भटकने को मजबूर हैं जिसमें पीड़िता कभी महिला थाना तो कभी एसपी कार्यालय की चक्कर लगा रही हैं। इसके वावजूद उसकी सुनवाई नहीं होना बिहार पुलिस सप्ताह की पोल खोल कर रख दी है।

दरअसल यह मामला अंबा थाना क्षेत्र के सांडा वन विभाग के समीप की हैं। जहां एक कलयुगी बेटे व उसकी पत्नी ने अपनी 65 वर्षीय मां अलख कुंवर को ज़मीन मामले में ना सिर्फ मारपीट कर घायल दिया , बल्कि उसके साथ दुर्व्यवहार किया। वहीं इस दौरान बीच बचाव में पहुंची विवाहित बेटी चंचल एवं छोटे बेटे चंदन को भी मारपीट यथा चाकूबाजी में घायल कर दिया।

बताया जाता हैं कि आरोपी बेटा दारूबाज है। वह अक्सर अपनी पत्नी के साथ मिलकर मां एवं अपने भाई -बहन को मारपीट करता है। आरोप है कि बेटे-बहू ने ज़मीन को लेकर अपनी मां से पहले स्टांप पर जबरन अंगूठा लगावाया और इसके बाद उसके गले से सोने की चैन तथा 45 हजार रूपये नगद जबरन छीन लिया जिसमें पीड़ित मां ने महिला थाना में आवेदन समर्पित कर आरोपी बेटे व बहू के खिलाफ़ कार्रवाई की मांग की हैं।

महिला ने बताया कि उनका बड़ा पुत्र अनिल कुमार चौधरी एवं बहू रेणु देवी वर्षो से अलग रहे है। भरण-पोषण का कोई खर्चा भी नहीं देते हैं। जबकि अक्सर घरेलू विवाद में मारपीट और हमारे द्वारा खरीदी गई तीन कट्ठा जमीन पर हक और अधिकार जमाते हैं। इसी क्रम में 12 फरवरी की दोपहर करीब दो बजे उनका बड़ा लड़का अनिल कुमार चौधरी और उसकी पत्नी रेणु देवी अचानक घर में घुसे और धारदार हथियार के बल पर पहले जबरन एक स्टांप पेपर पर अगुठा लगवाया। इसके बाद बेटे ने उनके गले से सोने की चैन तथा 45 हजार रूपया नगद छीन लिया।

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इस दौरान मामला काफ़ी हिंसक हो गया था यदि बीच बचाव में घर में रह रहे किरायेदार नहीं आते तो बेटे व बहू की नियत हत्या कर देने की थी। हालांकि इसके बाद किरायेदारों की मदद से मामला शांत करवाया गया। तथा हम सभी घायलों को रेफरल अस्पताल कुटुंबा इलाज के लिए ले जाया गया। पीड़िता ने आखिरकार मामले में आरोपी बेटे व बहू के खिलाफ़ कार्रवाई की मांग की हैं।

डेढ़ सप्ताह बाद भी अब तक मामले में नहीं हुई कोई कार्रवाई : पीड़िता ने बताया कि महिला थाना में प्राथमिकी दर्ज करवाए हुए करीब डेढ़ सप्ताह बीत चुका है जबकि अब तक इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है। मामले में उन्होंने पुलिस पर आरोपी बेटे व बहू को संरक्षण प्रदान करने का आरोप लगाया है।

इस मामले में महिला थानाध्यक्ष से संपर्क करने की कोशिश की लेकिन उन्होंने न तो फोन उठाया और न ही प्रति उत्तर में कोई जवाब दिया। हालांकि जबकि अक्सर ऐसा देखा जाता हैं कि अधिकांश मामलों में जब महिला थानाध्यक्ष से संपर्क किया जाता है तो उनके द्वारा न तो फोन उठाया जाता हैं और न ही बदले में कोई प्रति उत्तर दिया जाता हैं। ऐसे में सहज कहा जा सकता हैं यह बिहार पुलिस सप्ताह आम जनों एवं पुलिस को जोड़ो नहीं बल्कि खानापूर्ति हैं।

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