
औरंगाबाद। सदर प्रखंड स्थित औरंगाबाद के संस्कृत महा विद्यालय के सभागार में विश्व साक्षरता दिवस के अवसर पर जनेश्वर विकास केंद्र एवं जन विकास परिषद के संयुक्त तत्वाधान में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। गरीबी उन्मूलन में साक्षरता की भूमिका विषयक संगोष्ठी की अध्यक्षता संस्कृत विद्यालय के पूर्व प्राचार्य सूर्यपत सिंह ने किया। कार्यक्रम का उद्घाटन दीप जलाकर मुख्य अतिथि एवं अन्य उपस्थित लोगों ने किया। कार्यक्रम का संचालन संस्था के सचिव सिद्धेश्वर विद्यार्थी ने किया। कार्यक्रम की शुरुआत मीडिया प्रभारी सुरेश विद्यार्थी ने विषय प्रवेश के साथ की। मुख्य वक्ता के रूप में प्रसिद्ध ज्योतिर्विद शिवनारायण सिंह, प्रसिद्ध कवि एवं लेखक राम किशोर सिंह, अखिलेश प्रसाद सिंह, डॉ. शिव पूजन सिंह, राम भजन सिंह, डॉ. संजीव रंजन, डॉ. दिनेश कुमार सिंह, डॉ विनोद कुमार सिंह, समाजसेवी रामजी सिंह ने कहा कि गरीबी उन्मूलन में साक्षरता की महत्वपूर्ण भूमिका है। यदि गरीबी से निजात पाना है तो हमें साक्षरता की प्रक्रिया को अपनाना होगा। जनसंख्या के नियंत्रण में भी साक्षरता की अहम भूमिका है। गरीबों, असहायों के बीच साक्षरता के भावना को विकसित करना होगा। संस्था के सचिव सिद्धेश्वर विद्यार्थी ने बताया कि आज साक्षरता दिवस के अवसर पर हिंदी सप्ताह की शुरुआत हो चुकी है।इस कड़ी में 8 सितंबर को औरंगाबाद में विचार गोष्ठी, 11 सितंबर को अंबा मे हिंदी दिवस, 12 सितंबर को देव में हिंदी दिवस एवं 14 सितंबर को जिला मुख्यालय में हिंदी दिवस, हिंदी सप्ताह के अंतर्गत विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाना है। आज के विचार गोष्ठी में क्षत्रिय महासभा के अध्यक्ष धनंजय कुमार सिंह, अधिवक्ता रामाश्रय पांडेय, यसवंत कुमार सिंह, कवि व लेखक लालदेव प्रसाद, धनंजय सिंह, समाजसेवी जनेश्वर यादव, डॉ महेंद्र प्रसाद, शिक्षक उज्जवल रंजन सहित अन्य उपस्थित थे। धन्यवाद ज्ञापन जनेश्वर विकास केंद्र के संयोजिका कविता विद्यार्थी ने किया।
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